पागलपंती फिल्म रिव्यु | PAGALPANTI Movie Review in Hindi

पागलपंती फिल्म रिव्यु | PAGALPANTI Movie Review in Hindi

पागलपंती फिल्म रिव्यु | PAGALPANTI Movie Review in Hindi

हम सब अपनी लाइफ में खुशियों को ढूंढते हैं। किसी को खुसी पैसो से मिलती हैं और किसी को किसी से दोस्ती करके और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हर फ्राइडे को फिल्मो में खुशियाँ ढूंढ़ने निकल पड़ते हैं। लेकिन सावधान हो जाएये ! क्युकी आज कुछ लोग कॉमेडी के नाम पर ऐसे ज़हर बेच रहे हैं जो आपको हँसाने के नाम पर आपको हॉस्पिटल के बेड पर भेज देंगे। एक जमाना था, जब हम हलचल, हंगामा और हेरा फेरी देख कर बहुत हँसा करते थे, पर आज कल कॉमेडी के नाम पर हमें ठगा जा रहा हैं। पर कुछ लोग कॉमेडी का झासा देकर हमें सिर्फ लूट रहे हैं। हेलो फ्रेंड्स आपका स्वागत हैं हमारे मोटिवेशनल वेबसाइट पर आज हम पागलपंती का रिव्यु देने वाले हैं। 

जब हमने पागलपंती फिल्म का तीन मिनट का ट्रेलर देखा था उसमे हम तीन सेकंड भी हसी नहीं आई थी और तीन घंटे की फिल्म देखना एक सजा बस बन गई हैं, फिल्म में बिलकुल भी हसी या कहो की कॉमेडी नाम की एक चीज़ नहीं हैं, इसको देखना सजा बन कर रह गई और कुछ नहीं।

पर यकीन यह करना मुश्किल हैं की नो एंट्री और वेलकम जैसी फिल्म के डायरेक्टर अनीस बज़मी ने पागलपंती जैसे कारनामा कर के दिखाया हैं। यह तो बिलकुल वही  हैं की नाम बड़े और दर्शन छोटे, ऊपर से फिल्म में इतने हीरो हीरोइन भर दिए हैं जिसके बीच कहानी को लाना मुश्किल हो गया हैं। 

फिल्म की कहानी -

हर दूसरी फिल्म की तरह पैसे से कहानी शुरू होती हैं और हीरोइन पर ख़तम भी हो जाती हैं। इसके अलावा तीसरी चीज़ को खोज कर निकलना कोई काल्पनिक किरदार में आ जाना होगा। बची कुछ कसर आइटम सांग्स ने पूरी कर दी हैं ,जो आपको मजा कम और कानो को सजा ज्यादा दी हैं। 

फिल्म की कहानी राज किशोर नाम के आदमी पर बना हैं जिनकी किस्मत पर बेडलक ने कुंडली मर कर बैठा गया हैं, मतलब जिस काम पर यह हाथ डालते हैं उसका बिगड़ना सौ फीसदी तय हैं, कुछ यु समझ लीजिये की यह दूसरी दुनिया के अर्जुन कपूर हैं। 

यह जहाँ भी जाते हैं वह सारे काम बिगड़ जाते हैं, अच्छा खासा स्वस्त आदमी की तबियत बिगड़ जाती हैं, बगल पर रोड पर चलती कार हवा में उड़ जाती हैं। ऐसे छोटे मोठे कारनामे राज किशोर जी आराम से कर देते हैं। इनके दो अनमोल रतन भी हैं। जो बेडलक में इनका साथ हमेशा देते हैं। जैसे की गाँधी जी के तीन बन्दर होते हैं, बस उसी की तरह यह तीनो लोग भी न तो कुछ अच्छा बोलते हैं, न सुनते और न तो अच्छा करते हैं। 

इन तीनो की लाइफ में ट्विस्ट लेकर आते हैं कुछ डॉन और गैंस्टर जिनको लाइफ में सिर्फ एक चीज़ की तालस हैं पैसे और सिर्फ पैसा। इसके अलावा इनको फिल्म से कुछ लेना नहीं हैं न तो यह आपको डरते हैं और न तो हसाते हैं, पर कुछ ओवर एक्टिंग जरूर चलती रहती हैं जिसको देखकर हकीकत वाले गुंडे और चोर शर्म से पानी-पानी हो जायेंगे। बस यहाँ से बेवकूफी और गुंडागर्दी का कॉकटेल तैयार किया जाता हैं ,कुछ फालतू के चुटकुले घुसा दिए जाते हैं जिनके ना तो सर हैं न पैर हैं।  मसाला डालने के लिए नकली रोमांस भी होता है। भले जरुरत हो या न हो बीच-बीच में फालतू के गाने भी प्रकट हो जाते हैं, जो आपके कानो को काफी गहरी चोट भी पंहुचा सकते हैं। बच गया डांस उसके लिए दिल छोटा न करें उसके लिए फिल्म में उर्वसी को रखा गया हैं। 

जब सौरभ शुक्ल और अरसद वारसी के जोक्स भी आपको हँसा नहीं पाते, मतलब यह समझ लीजिये फिल्म का लेवल क्या होगा। पर इससे ज्यादा कॉमेडी तो करन साहेब की फिल्मो में मिल जाती हैं और इस बात का घमंड वो जरा सा भी नहीं करते हैं। अनिल कपूर फिल्म में मजाकिया गैंगस्टर बनने की कोसिस करते हैं पर न तो तो वो मजाकिया हैं और डॉन की बात छोड़ ही दीजिये। उनके करैक्टर को बस चीखने और चिल्लाने के लिए रखा गया हैं। 

जॉन इब्राहिम को कहने के लिए फिल्म का लीड रोल हैं पर हीरो वाली कोई उनमे बात नहीं दिखाई जाती हैं। हाँ थोड़ा मार धाड़ दिखाके लोगो का दिल बहलाया जाता हैं और उनके चुटकुले बिलकुल ही बकवास हैं। फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी हैं फिल्म की एक्ट्रेस जिनका फिल्म में होना न होना बराबर हैं, तो इनकी बात करके हमरा और आपका टाइम केवल वैस्ट होगा। 

फिल्म तो कॉमेडी फिल्म तो बिलकुल नहीं कहलाएगी इसमें गिनती की दो तीन फनी डायलाग हैं। अब वो समय चला गया जब बेवकूफी की आड़ में कॉमेडी फिल्म करते थे। फिल्म में हीरो-हीरोइन के अलावा राइटर पर भी पैसे खर्च करे तो ज्यादा अच्छा होगा।

फिल्म को मेरी तरफ से 5 स्टार में से 0 मिलेगा। इसके नेगेटिव की बात करू तो- 

एक स्टार कटेगा - जीरो स्टोरी लाइन के लिए 
एक स्टार कटेगा - कॉमेडी न होने के लिए 
एक स्टार कटेगा - बहुत ज्यादा ओवरएक्टिंग के लिए 
एक स्टार कटेगा - बिना सर पैर वाले गाने के लिए 
एक स्टार कटेगा - लोगो का टाइम और पैसे बर्बाद करने के लिए 

यानि इसको देखना आपका पैसे बर्बाद करना हुआ।फैसला आपका हैं। 

Massage (संदेश) : आशा है की "पागलपंती फिल्म रिव्यु | PAGALPANTI Movie Review in Hindi" आपको पसंद आयी होगी। कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव देकर हमें यह बताने का कष्ट करें कि Motivational Thoughts को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके सुझाव इस वेबसाईट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। आप अपने सुझाव निचे कमेंट या हमें मेल कर सकते है!
Mail us : jivansutraa@gmail.com

दोस्तों अगर आपको हमारा post पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे. आप हमसे Facebook Page से भी जुड़ सकते है Daily updates के लिए.

इसे भी पढ़े :

Leave a Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here