Pati Patni Aur Woh Movie REVIEW | पति पत्नी और वोह मूवी रिव्यु हिंदी
RATING : - 3.5/5
Saitsfaction या हिंदी में कहु की संतुस्टी एक कमाल का शब्द हैं और लोग अपनी पूरी ज़िन्दगी निकाल देते हैं इस Saitsfaction को पाने के लिए और कुछ लोग के लिए यह लालच में बदल जाता है और अच्छे खासे इंसान की जिंदगी की गाड़ी पटरी से उतार देती है। कुछ समझदार इंसान बोलते है की अपने बीवी या बच्चे कितने भी अच्छे क्यों न हो पर हमें हमेशा ही पड़ोस वाले के ही अच्छे लगते हैं। और इस कहावत को सच किया है इस हफ्ते की एक फिल्म ने - पति पत्नी और वोह यह फिल्म ऊपर से तो कॉमेडी का नकाब ओढ़े हुए है पर अंदर से ऐसी है की हमें सोचने पर मजबूर कर देगी की आखिर हमारी सोच किस तरफ बढ़ रही हैं। हेलो फ्रेंड्स आपका फिर से स्वागत है हमारे फ़िल्मी रिव्यु में और आज हम इस हफ्ते की एक फिल्म पर रिव्यु देने जा रहे हैं - पति पत्नी और वोह !
रिव्यु
आपको मैं यह बता दूँ की यह 1978 में पति पत्नी और वोह की एक ऑफिसियल रीमेक हैं पर इसकी कहानी थोड़ी अलग रखी गए हैं, यह फिल्म थोड़ी मॉडर्न जनरेशन के हिसाब से बनाई गयी हैं। इसकी कहानी भी बिलकुल पुरानी हैं जिसमें लड़कियों की अदला बदली कर लोगो को हँसाने की कोशिश की गई हैं पर कहानी एक सोशल मैसेज भी देती हैं। और इस फिल्म में कुछ ऐसा खास गलत लैंग्वेज का इस्तेमाल नहीं किया गए हैं जिससे बड़े या छोटे को बुरा लगे। फिल्म में कुछ ऐसे डायलाग थे जिसके लिए लोगो ने ग़ुस्सा जताया था, इसी लिए फिल्म मेकर ने उन्हें बदल दिया हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी चिंटू त्यागी पर बनी है जो की एक मिडिल क्लास फॅमिली से बिलोंग करते हैं जिनके पास एक अच्छी नौकरी है, एक प्यार करने वाली बीवी हैं और दोनों का का रिश्ता बहुत अच्छा है पर हम तो जानते हैं की लालच एक बुरी बला हैं और इसी कारण इनकी सिंपल लाइफ में एक भूचाल सा आ जाता हैं। इस फिल्म की दूसरी करैक्टर हैं वेदिका का जो बिलकुल भी सीधी-सधी नहीं है और अपने हक़ के लिए लड़ना अच्छे से जानती है। दोनों की जिंदगी को बदलने का काम करती है वोह जिनका नाम है तपस्या जो फिल्म में ग्लैमर और अट्रैक्शन वाले खेल की शुरुवात कर देती है और तो इनकी मासूमियत ऐसी है की लोग बिना चाहे इनकी तरफ खींचे चले आते है और यहाँ से कहानी में एक लव ट्रायंगल प्रकट हो जाता है, जिसमें एक पति, पत्नी और वोह है और इसके आगे क्या होता है, क्या रायता और फैलता है या फिर पति के लिए पत्नी ज्यादा जरुरी होती है या तो वोह? जानने के लिए आप इस फिल्म को देखिएगा क्युकी हम आपका मजा ख़राब नहीं करना चाहते है।
फिल्म में एक करैक्टर प्ले कर रहे है अपारशक्ति खुराना जो की लीड करैक्टर न होकर भी आपका ध्यान अपनी तरफ खींच लेते है, इनके जोक्स आपको तालिया बजाने पर मजबूर कर देते है और यह फिल्म में अलग सा मजा ले आते है फिल्म में कुछ और भी मजेदार सीन है, जिनका कनेक्शन कार्तिक की पुरानी फिल्म से जुडी हुई है। और तो कहानी में जो कॉमेडी है उसका असर कानपूर जैसे लोकेशन ने जान डाल दी है।
कार्तिक अपने रोल में बिलकुल ही फिट बैठते है पर इसको हम कई बार देख चुके है जो बिलकुल भी नया नहीं होता और कुछ उम्मीद भी नहीं करियेगा। फिल्म में सबसे अच्छा काम किया है भूमि ने जो की काफी अच्छे स्ट्रांग वीमेन के करैक्टर को प्ले करती है।पर अनन्या पांडेय कुछ फिट नहीं बैठती है अपने रोल के लिए।
पर फिल्म में काफी एंटरटेनमेंट है और फिल्म देखने लायक बिलकुल हैं यह अपनी कॉमेडी से बिलकुल नहीं भटकती है।
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