द स्काई इज पिंक मूवी रिव्यू ||The Sky is Pink Movie Review

द स्काई इज पिंक मूवी रिव्यू ||The Sky is Pink Movie Review

द स्काई इज पिंक मूवी रिव्यू ||The Sky is Pink Movie Review

कलाकार प्रियंका चोपड़ा,फरहान अख्तर,जायरा वसीम,रोहित सुरेश सराफ
निर्देशक  शोनाली बोस
मूवी टाइप  ड्रामा,फैमिली,रोमांस
अवधि  2 घंटा 29 मिनट
रेटिंग  3.5 stars

The Sky Is Pink Review in Hindi, Priyanka Chopra new movie:  फिल्मों में एक्शन, थ्रीलर और तमाम तरह के मिर्च-मसालों से अगर आपको परहेज है तो फिल्म ‘The Sky Is Pink’ आपके लिए एक अलग मनोरंजन लेकर आया है। सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में इमोशन है, एक फैमिली का संघर्ष है और जिंदगी के रियल उतार-चढ़ाव से भरे कई मोड़ हैं। जी हां, ‘The Sky Is Pink’ सच्ची कहानी है दिल्ली में रहने वाले उस परिवार की जिसने पहाड़ सा दुख झेला है। दिल्ली में रहने वाले चौधरी परिवार के साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म को निर्देशक सोनाली बोस ने बेहतरीन तरीके से रुपहले पर्दे पर उतारा है। एक अलग तरह का ट्रीटमेंट, प्रियंका चोपड़ा का अदिति के किरदार में नजर आना और फरहान का निरेन के किरदार में होन डायरेक्टर की राइट च्वायस कही जा सकती है। आयश के किरदार में जायरा वसीम भी फिट बैठती नजर आ रही हैं।

जिंदगी का सबसे बड़ा सच मौत है। जाना सभी को है, किसी को थोड़ा जल्दी तो किसी को थोड़ी देर से, इसलिए ज्यादा जरूरी है जिंदगी के हर पल को जिंदादिली से जीना, मुश्किल से मुश्किल पल में भी खुशी तलाशना। अपने जन्म से ही मौत से जंग लड़ने वाली मोटिवेशनल स्पीकर और किताब 'माय लिटिल एपिफेनीज' की युवा लेखिका आयशा चौधरी जब तक रही, जिंदगी के इसी फलसफे को दुनिया से बांटती रही। निर्देशिका शोनाली बोस की फिल्म 'द स्काई इज पिंक' महज 18 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई इसी जिंदादिल लड़की आयशा के जज्बे और उसके परिवार यानी पापा निरेन चौधरी उर्फ पांडा, मां अदिति चौधरी उर्फ मूज और भाई ईशान उर्फ जिराफ के संघर्ष की कहानी है।

कहानी

जिंदगी की जंग और उसमें सबकुछ गवां कर भी जीने की कहानी है प्रियंका चोपड़ा की फिल्म 'द स्काई इज पिंक.' फिल्म की कहानी एक लड़की और उसके परिवार के बारे में है।लड़की है आयशा चौधरी (जायरा वसीम), जो पैदा होने के बाद से ही SCID यानी Severe Combined Immunodeficiency जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है।इसका मतलब है कि आयशा की बॉडी में इम्यून सिस्टम है ही नहीं, वो बहुत जल्दी एलर्जी पकड़ सकती है और भीड़ में नहीं जा सकती. अगर उसने कोई भी बैक्टीरिया पकड़ा तो बहुत जल्दी बहुत बीमार हो जाएगी।आगे चलकर उसको पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की फेफड़ों की बीमारी भी हो जाती है, जो लाइलाज है।
आयशा के मां-बाप निरेन चौधरी (फरहान अख्तर) और अदिति चौधरी (प्रियंका चोपड़ा) उसके पैदा होने के बाद से ही उसे दिल्ली के हर डॉक्टर को दिखा चुके हैं और आगे जाकर उन्हें लंदन में बेटी का इलाज करवाना पड़ता है।अदिति और निरेन के पास पैसे नहीं है और उनकी बच्ची की जिंदगी खतरे में है।अदिति का बड़ा भाई ईशान (रोहित सराफ) बचपन से सोच रहा है कि उसे अपनी बहन को बचाना है.

अगर आप सोचते हैं कि पैसा आपको सबकुछ दे सकता है तो जनाब आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं. क्योंकि पैसा आपको लगभग सबकुछ तो दे सकता है लेकिन आपके करीबी की जान नहीं लौटा सकता. और कभी-कभी बचा भी नहीं सकता. निरेन और अदिति ने दिन-रात काम करके पैसे कमाए और अपनी बेटी के इलाज में लगा दिए. उसका अंजाम क्या था ये सब जानते हैं।
असल जिंदगी की कहानी पर आधारित इस फिल्म में छुपाने वाली कोई बात नहीं है।आयशा की कहानी हम सभी ने एक ना एक बार तो कहीं पढ़ी या सुनी होगी।वरना प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर काफी समय से फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं, उन्होंने इस कहानी को सभी को बताया है।।लेकिन फिर भी ये कहानी आपको नई लगती है।आयशा की जिंदगी, उसके मां-बाप का स्ट्रगल और उसके भाई का डर सब असली है और पर्दे पर जब आप उसे देख रहे होते हैं, तो फूट-फूटकर रोने का मन करता है।

परफॉर्मेंस

परफॉर्मेंस की बात करें तो प्रियंका चोपड़ा का ये बॉलीवुड कमबैक अच्छा है।ये फिल्म काफी इमोशनल और खूबसूरत है और PC ने इसमें बढ़िया काम किया है।एक लड़की जो बहादुर और बेहद जिद्दी है, आगे चलकर एक कभी हार ना मानने वाली मां बनती है।वो मां, जो अपनी बेटी की जिंदगी बचाने और उसे एक और दिन जिंदा देखने के लिए अपने पूरी जान लगा देती है।अदिति चौधरी के किरदार में प्रियंका चोपड़ा की परफॉरमेंस पावरफुल है।
फरहान अख्तर, आयशा के पिता निरेन चौधरी के किरदार में हैं।फरहान की एक्टिंग अलग ही होती है, ये बात आप जरूर मानते होंगे।जब वो पर्दे पर होते हैं, तो और कोई नहीं होता. एक पिता जो हमेशा से परेशान है, दूसरे देश जाकर अपनी बच्ची के इलाज के लिए दर-दर पैसे मांगता फिर रहा है, एक पिता जो जितना दर्द महसूस कर रहा है उतना बताता नहीं है, जो दिन-रात मेहनत करके पैसे कमाने में लगा है ताकि उसकी बच्ची की जान बच जाए।ये सब जब फरहान आपको इस फिल्म में करके दिखाते हैं, तो आपका मन उन्हें गले लगाने को करता है।
हम सबके पापा ऐसे ही तो होते है न, हमारे लिए सबकुछ करने वाले और अपने दुख को छुपाकर रखने वाले।वो आपको स्ट्रॉन्ग रहने को कहते हैं भले ही वो अंदर से कितने भी कमजोर हों।फिल्म में फरहान और प्रियंका एक दूसरे को परफॉर्मेंस के मामले में पीछे छोड़ते हैं।आपको कुछ सीन्स में फरहान जबरदस्त लगते हैं तो कुछ में प्रियंका।

मुझे लगता है कि आयशा काफी हद तक लकी थी, जो उसे ईशान जैसा भाई मिला।जहां मैं और मेरा भाई एक दूसरे से ढंग से बात नहीं करते, वहीं आयशा और ईशान का रिश्ता काफी गहरा था।ईशान चौधरी के रोल में रोहित सराफ ने बहुत अच्छा काम किया है।एक बढ़िया सीन फिल्म में है, जो उन्होंने बताया था कि उनके लिए बहुत मुश्किल था।लेकिन उन्होंने उस सीन को परफेक्ट किया है।
अब बात करते हैं हमारी आयशा के बारे में।दंगल एक्ट्रेस जायरा वसीम इस फिल्म में आयशा का किरदार निभा रही हैं।जायरा को हमने दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार जैसी फिल्मों में बढ़िया काम करते पहले ही देख लिया है।ये एक बिल्कुल अलग रोल था, जिसे उन्होंने काफी बढ़िया ढंग से निभाया है।जायरा फिल्म को नैरेट कर रही हैं।उनका मजाकिया अंदाज, एक बीमार लड़की के रोल में उनका काम. सब काफी अच्छा है।

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