वॉर मूवी रिव्यु | War Movie Review

वॉर मूवी रिव्यु | War Movie Review

वॉर मूवी रिव्यु|War Movie Review

कलाकार रितिक रोशन,टाइगर श्रॉफ,वाणी कपूर,आशुतोष राणा,दिशिता सहगल
निर्देशक सिद्दार्थ आनंद
मूवी टाइप Action,Thriller
अवधि 2 घंटा 34 मिनट
रेटिंग 3.5 stars

War Movie Review, Box Office Collection Updates: बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की मच अवेटेड फिल्म ‘war’ आज रिलीज हो गई है। बड़े पर्दे पर पहली बार दो है़ंडसम हंक ऋतिक और टाइगर के बीच एपिक वॉर देखने को मिल रही है। ‘war’ फिल्म ने अपने ट्रेलर रिलीज के साथ ही दर्शकों में खासा उत्साह पैदा कर दिया था। फिल्म को लेकर बीते कई दिनों से दर्शकों समेत तमाम फिल्मी पंडितों में जबरदस्त बज बना हुआ था।

‘war’ फिल्म को लेकर लोगों के एक्साइटमेंट का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ट्रेलर अपने रिलीज के कुछ ही घंटों में यूट्यूब पर टॉप ट्रेंड करने लगा था। ट्रेलर को देखकर ही पता चल गया था कि फिल्म का एक्शन जबरदस्त है। फिल्म में टाइगर को ऋतिक का जूनियर दिखाया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि टाइगर, ऋतिक की तलाश में जाते हैं जिसके बाद शुरू होती है दोनों स्टार्स के बीच वॉर।

इसी के साथ वाणी कपूर भी इस फिल्म में बहुत ज्यादा ग्लैमरस लग रही हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो दर्शकों को लुभाने के लिए डायरेक्टर ने इस फिल्म में वो सब डाला है जो आपको पसंद आ सकता है। लेकिन ऑडियंस का फिल्म को लेकर क्या कहना है ये हम आपको बताते हैं। 

कहानी-

कहानी है सीक्रेट सोल्जर कबीर (रितिक रोशन) की, जो देश को अपनी जान से भी ज्यादा मानता है। अपने सिर से अपने पिता द्वारा की गई गद्दारी के पाप को धोने के लिए खालिद (टाइगर श्रॉफ) कबीर के अंडर ट्रेनिंग लेकर देशभक्ति की मिसाल कायम करना चाहता है। उसकी इस पहल में उसका चीफ (आशुतोष राणा ) और उसकी अम्मी (सोनी राजदान) उसे हिम्मत देते हैं। कबीर उसे अपने एक सीक्रेट मिशन में शामिल कर लेता है, जहां उन्हें देश के दुश्मन इल्यासी को जिंदा पकड़ना है। अपनी ही टीम के एक सिपाही के विश्वासघात के बाद कबीर का मिशन फेल हो जाता है और उसके बाद कबीर इल्यासी को पकड़ने के लिए दूसरा जाल बुनता है।
 

वह डांसर नैना (वाणी कपूर) को सिविलियन असेट बनाकर अपने मिशन में शामिल करता है, मगर तभी कुछ ऐसा घटित होता है कि कबीर अपने देश के अधिकारियों का सिलसिलेवार कत्ल करने लगता है। कल तक आर्मी के लिए नायक रहे कबीर की ये करतूत उसे खलनायक बना देती है। देश पर जान कुर्बान करने पर आमादा कबीर अचानक देश का दुश्मन क्यों बन बैठा? इसका पता लगाने के लिए खालिद को नियुक्त किया जाता है। खालिद जब कबीर की जांच-पड़ताल करता है, तो कई ऐसे राज फाश होते हैं, जिनके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होती।

एक्टिंग

इससे पहले 'सुपर 30' में ऋतिक रोशन का डी-ग्लैम अवतार दिखाई दिया था लेकिन सच यही है कि ऋतिक एक्शन फिल्मों के लिए बने है. इस फिल्म में ऋतिक पूरे फॉर्म में हैं। फिल्म में ऋतिक के ऐसे बहुत सारे एक्शन सीन्स हैं जिन्हें देखकर आप दिल थाम लेंगे. हिंदी सिनेमा ने एक एजेंट की छवि दर्शकों के मन में ऐसी ही बनाई है कि जिसकी बॉडी अच्छी हो, वो 20-40 लोगों को एक साथ मारकर गिरा सके, वो कहीं भी सुपरमैन जैसे पहुंच जाए और कभी-कभी शर्टलेस हो तो देखकर लोगों की आहें निकल जाएं... और इस मामले में ऋतिक फिल्म में बिल्कुल परफेक्ट हैं।

वहीं, टाइगर श्रॉफ को लेकर हमेशा ये चर्चा रहती है कि वो एक्शन के मामले में ऋतिक के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।इस फिल्म को लेकर दिलचस्पी इसीलिए बढ़ गई थीं क्योंकि जब दो एक्शन स्टार्स एक साथ आएंगे तो क्या होगा. टाइगर कहीं भी फिल्म में ऋतिक से कमतर नहीं लगे हैं।इस फिल्म में एक्शन के साथ उनकी पर्सनैलिटी के कई शेड्स देखने को मिला है. ऋतिक के साथ उनकी जोड़ी दमदार है।दोनों जब एक साथ पर्दे पर आते हैं तो लगता है मजा आ जाता है।

इसमें वाणी कपूर भी हैं।उनका रोल काफी छोटा है।फिल्म में उनके हिस्से एक गाना आया है 'घुंघरू टूट गए'. उनके पास इस फिल्म में करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।यहां तक कि फिल्म खत्म होने के बाद उनका रोल याद भी नहीं रहता।

डायरेक्शन

इसे सिद्धार्थ आनंद ने डायरेक्ट किया है।फिल्म की कहानी आदित्य चोपड़ा के साथ मिलकर सिद्धार्थ आनंद ने ही लिखी है।इसमें कोई शक नहीं कि एक्शन सीक्वेंस काफी शानदार हैं।उन्हें फिल्माने में जो मेहनत की गई है वो पर्दे पर भव्य नज़र भी आता है।लेकिन कुछ कमियां भी हैं जो खलती हैं।ये फिल्म करीब 2 घंटे 36 मिनट की है।इसमें कहानी कई जगह बहुत ढ़ीली लगती है।ऐसा लगता है कि जाना कहीं और है लेकिन डायरेक्टर ने शॉर्ट कट की बजाय लंबा रास्ता चुन लिया है।फिल्म बुहत लाउड है।फिल्म में जो जो गाने हैं उनकी कोई जरूरत नहीं लगती।लेकिन चुकि हिंदी सिनेमा ने अपना ये परंपरागत ढर्रा बना लिया है कि फिल्म में गाना जरुर रखेंगे।

इन दिनों वन लाइनर डायलॉग्स की चलन है लेकिन इस फिल्म में ऐसा एक डायलॉग भी नहीं है।जो हैं वो बहुत भारी भरकम हैं।जैसे 'आदमी पहाड़ से टकरा सकता है लेकिन परवरिश से नहीं।'

 

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