
नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics) में आज का दिन भारत के लिए बेहद खास और आखिरी दिन है. हालांकि दिन की शुरुआत कुछ खास नहीं रही. गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) मेडल से चूक गईं. लेकिन रेसलिंग में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने भारत को ब्रॉन्ज दिया दिया और अब जेवलिन थ्रो फाइनल में भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गोल्ड ने जीत लिया है.
नीरज चोपड़ा ने अपने पहली कोशिश में 87.03 मीटर जबकि दूसरी कोशिश में 87.58 और तीसरी कोशिश में 76.33 मीटर का थ्रो फेंका. क्वालिफिकेशन राउंड की बात करें तो भारत के नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने अपनी पहली ही कोशिश में 86.65 मीटर दूर भाला फेंक कर फाइनल में जगह बनाई थी. ग्रुप ए में नीरज चोपड़ा लिस्ट में पहले नंबर पर थे. जबकि ग्रुप बी में पाकिस्तान के अरशद नदीम पहले नंबर थे हालांकि फाइनल मुकाबिले में वो कुछ खास कर दिखाने में नाकाम रहे.
नीरज से पहले अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. अभिनव ने हालांकि यह गोल्ड मेडल निशानेबाजी में जीता था. यहां टोक्यो में नीरज ने जो किया है वह ऐतिहासिक है क्योंकि इससे पहले भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स इवेंट्स में कभी कोई पदक नहीं मिला.
पीएम मोदी ने दी बधाई
टोक्यो में इतिहास रचा गया है! जो नीरज चोपड़ा ने आज जो हासिल किया है उसे हमेशा याद किया जाएगा. युवा नीरज ने असाधारण तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्होंने उल्लेखनीय जुनून के साथ खेला और अद्वितीय धैर्य दिखाया. गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई.
नीरज व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय
इसके साथ ही नीरज ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. नीरज भारत की ओर से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था.
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | नीरज चोपड़ा |
व्यवसाय | भारतीय एथलीट (जेवलिन थ्रो) |
प्रसिद्ध हैं | राष्ट्रमंडल खेलों में जवेलिन थ्रो फेंकने में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5' 10" |
वजन/भार (लगभग) | 65 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
ट्रैक और फील्ड | |
इवेंट | जेवलिन थ्रो |
कोच/सरंक्षक | Garry Calvert, Werner Daniels |
रिकॉर्ड/उपलब्धियां | • पोलैंड के बाइडगोस्ज़्ज़ में 2016 आईएएएफ विश्व अंडर - 20 चैम्पियनशिप में विश्व जूनियर रिकॉर्ड दर्ज किया। • वर्ष 2016 में, दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 मीटर की थ्रो के साथ भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज किया। • वर्ष 2018 में, वह एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में जवेलिन में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 24 दिसंबर 1997 |
आयु (वर्ष 2017 के अनुसार) | 20 वर्ष |
जन्मस्थान | खंडरा, पानीपत, हरियाणा, भारत |
राशि | मकर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | पानीपत, हरियाणा, भारत |
स्कूल | ज्ञात नहीं |
कॉलेज/विश्वविद्यालय/महाविद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
धर्म | हिन्दू |
खाद्य आदत | मांसाहारी |
शौक/अभिरुचि | यात्रा करना और संगीत सुनना |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें | |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
परिवार | |
माता-पिता | नाम ज्ञात नहीं |
भाई-बहन | ज्ञात नहीं |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा एथलीट | Jan Železný (a retired Czech track and field athlete) |
पसंदीदा राजनेता | नरेंद्र मोदी |
नीरज चोपड़ा करियर
नीरज के पिता सतीश कुमार हरियाणा के पानीपत के खंडरा के एक छोटे से गांव में किसान हैं। उनकी मां सरोज देवी एक गृहिणी हैं और उनकी दो बहनें हैं। पानीपत स्टेडियम में अभ्यास करने वाले जयवीर (जय चौधरी) पर नजर रखने के बाद नीरज ने 11 साल की उम्र में भाला में रुचि विकसित की। जयवीर भाला एथलीट हैं जिन्होंने हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया।
नीरज चोपड़ा के कोच (Coach)
नीरज चोपड़ा के कोच का नाम उवे होन हैं जो कि जर्मनी देश के पेशेवर जैवलिन एथलीट रह चुके हैं। इनसे ट्रेनिंग लेने के बाद ही नीरज चोपड़ा इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
नीरज चोपड़ा का जन्म एवं परिवार (Birth and Family)
भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा का जन्म सन 1997 में 24 दिसंबर को भारत देश के हरियाणा राज्य के पानीपत शहर में हुआ था। नीरज चोपड़ा के पिता का नाम सतीश कुमार है और इनकी माता का नाम सरोज देवी है। नीरज चोपड़ा की दो बहने भी हैं। भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के पिता जी हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के एक छोटे से गांव खंडरा के किसान हैं, जबकि इनकी माताजी हाउसवाइफ है। नीरज चोपड़ा के कुल 5 भाई बहन हैं, जिनमें से यह सबसे बड़े हैं।
नीरज चोपड़ा की शिक्षा (Education)
भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा से ही की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्होंने ग्रेजुएशन तक की डिग्री प्राप्त की है। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
नीरज चोपड़ा रिकॉर्ड (Record)
साल 2012 में लखनऊ में आयोजित हुए अंडर 16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 68.46 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल को हासिल किया जाता है।
नेशनल यूथ चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने साल 2013 में दूसरा स्थान हासिल किया था और उसके बाद उन्होंने आईएएएफ वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में भी पोजिशन बनाई थी।
नीरज चोपड़ा ने इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में 81.04 मीटर थ्रो फेंककर एज ग्रुप का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। यह प्रतियोगिता साल 2015 में आयोजित हुई थी।
नीरज चोपड़ा ने साल 2016 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंक कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया था और गोल्ड मेडल हासिल किया था।
साल 2016 में नीरज चोपड़ा ने दक्षिण एशियाई खेलों में पहले राउंड में ही 82.23 मीटर की थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल को प्राप्त किया।
साल 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ खेल में नीरज चोपड़ा ने 86.47 मीटर भाला फेंक कर एक और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
साल 2018 में ही नीरज चोपड़ा ने जकार्ता एशियन गेम में 88.06 मीटर भाला फेका और गोल्ड मेडल जीतकर इंडिया का नाम रोशन किया।
नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले पहले इंडियन जैवलिन थ्रोअर हैं।इसके अलावा एक ही साल में एशियन गेम और कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले नीरज चोपड़ा दूसरे खिलाड़ी हैं। इसके पहले साल 1958 में मिल्खा सिंह द्वारा यह रिकॉर्ड बनाया गया था।
नीरज चोपड़ा को मिले हुए पुरस्कार (Medal and Award)
साल | मैडल व पुरस्कार |
2012 | राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडल |
2013 | राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप रजत पदक |
2016 | तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड |
2016 | एशियाई जूनियर चैंपियनशिप रजत पदक |
2017 | एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल |
2018 | एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव |
2018 | अर्जुन पुरस्कार |
नीरज चोपड़ा Tokyo ओलंपिक 2020
सभी की निगाहें नीरज चोपड़ा पर होंगी कि वह एथलेटिक्स में भारत का ओलंपिक में 2020 Gold Medal दिलाएं और शनिवार को पुरुषों के भाला फेंक फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने पर 100 साल का इंतजार खत्म करें। टूर्नामेंट से पहले पदक के दावेदारी नीरज चोपड़ा ने 86.59 मीटर के शानदार पहले राउंड थ्रो के साथ क्वालीफिकेशन राउंड में टॉप पर रहते हुए ओलंपिक फाइनल में अपनी टॉप पोजीशन बनाने वाले पहले इंडियन भाला फेंक खिलाड़ी बने।
ऐसा रहा है एथलीट में भारत का इतिहास
भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक 2020 में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था. दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स
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