DBMS क्या है और इसका क्या कार्य है?

DBMS क्या है और इसका क्या कार्य है?

DBMS क्या है और इसका क्या कार्य है?

DBMS क्या है (What is DBMS in Hindi)? DBMS के बारे में आपने जरुर सुना होगा इसका पूरा नाम है डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम. नाम से पता चल रहा है की यह पुरे डेटाबेस को मैनेज करता है. डाटा को बनाने से लेकर, सँभालने और डिलीट करने तक का सारा काम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम करता है. एक ऐसा Software जो डाटा की Create, Manage, Control, Delete और Update कर सके.

DBMS के द्वारा यूजर और प्रोग्रामर दोनों ही अपने डाटा को संभाल सकते है अर्थात दोनों ही डाटा को बना सकते है, मैनेज कर सकते है और अपडेट कर सकते है. इसके अपने बहुत से फायदे है जिसके बारे में आपका जानना बहुत जरुरी है. आईये जानते है DBMS क्या है और इसमें क्या क्या होता है पुरे विस्तार से.

DBMS क्या है (What is DBMS in Hindi)

DBMS का Full Form होता है Data Base Management System. Database एक collection होता है related data का. वहीँ data collection होता है facts और figures का जिन्हें की process किया जाता है information produce करने के लिए.

ज्यादातर data represent करते हैं recordable facts. Data मदद करता है Information produce करने के लिए जो की facts के ऊपर आधारित होते हैं. उदाहरण के लिए. अगर हमारे पास एक कक्षा की marks हैं तब हम ये conclude कर सकते हैं की उनमें से toppers कौन हैं और average marks वाले कौन हैं.

ये database management system data को कुछ इसप्रकार से store करता है की जिससे की उससे data को retrieve, manipulate, और information produce करना आसान हो जाता है.

Database System की Characteristics क्या हैं?

1. Self describing nature का होना : एक database system में न केवल data होता है बल्कि उसके साथ वो database structure और constraints की description भी store करता है. इसमें definition को store किया जाता है DBMS catalog में, जिसमें information होते हैं जैसे structure of each file, type and storage format प्रत्येक data और constraint का. Catalog में जो information stored होती हैं उसे meta data कहते हैं.

2. Program Data Independence का होना : अगर में traditional file processing की बात करूँ तब, प्रत्येक file की structure को embedded किया जाता है application program में. इसलिए कोई भी बदलाव file में होने से programs में भी जरुरी बदलाव करना जरुरी हो जाता है उस file को access करने के लिए. वहीँ DBMS में, हमारे पास program data independence होती है क्यूंकि इसमें data files की structure को separately store किया जाता है system catalog में, अगर हम इसकी तुलना करें access programs के साथ तब.

3. ये Support करता है Multiple Views Data का : एक database के बहुत सारे users होते हैं जिसमें प्रत्येक के लिये एक अलग ही view या perspective की जरुरत होती है database के लिए.

4. Database की Sharing Multiple Users के बीच हो सकती है : DBMS allow करती है multiple users को एक ही समय में database को access करने के लिए.

DBMS का क्या कार्य है

1. Data Redundancy

फाइल सिस्टम में हर एक एप्लीकेशन की अपनी निजी फाइल्स होती है और ऐसी स्थिति में कई स्थानों पर एक ही डाटा की डुप्लीकेट फाइल्स बन जाती है. DBMS में एक स्थान पर एक ही तरह की फाइल्स को रखा जाता है अर्थात इसे दोहराया नहीं जाता जिससे डाटा की Redundancy कम होती है.

2. Sharing Of Data

DBMS में संगठन के अधिकृत यूजर (Authorrized User) के द्वारा डाटा शेयर किया जाता है. इसमें डाटा एडमिनिस्ट्रेटर डाटा को नियंत्रित करता है और डाटा को एक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ता को अधिकार देता है.

3. Data Consistency

DBMS के द्वारा डेटाबेस में एक ही प्रकार के डाटा को बार-बार जमा होने से रोका जा सकता है.

4. Integration Of Data

DBMS में सारा डाटा टेबल में होता है और एक डेटाबेस में एक से अधिक टेबल होती है. इन सभी टेबल्स के बीच में संबध बनाए जा सकते है जिससे डाटा को वापिस प्राप्त करना और अपडेट करना आसान हो जाता है.

5. Data Security

DBMS में डाटा को पूरी तरह से डाटा एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है. इसमें एडमिनिस्ट्रेटर ही यह सुनिश्चित करता है की किस यूजर को डाटा देना है और कितना डाटा देना है. यूजर को डेटाबेस के किस हिस्से पर एक्सेस देना है और किस हिस्से पर नहीं यह सब डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर ही कण्ट्रोल करता है. इससे डेटाबेस की सिक्योरिटी बढ़ जाती है और डाटा ग़लत हाथों में नहीं जाता है.

6. Remove Procedures

आप सब जानते है की Computer एक तरह की मशीन है और इसमें कभी भी खराबी आ सकती है और कभी भी Hardware या Software फैलियर हो सकता है ऐसे में डाटा नष्ट हो सकता है. DBMS के द्वारा आप ऐसी कंडीशन में डाटा को आसानी से रिकवर कर सकते है.

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) के कुछ संभावित नुकसान

1. Cost Of Implementation (कार्यान्वित लागत)

डेटाबेस सिस्टम को कार्यान्वित करने में आने वाली लागत ज्यादा हो सकती है और इसमें काफी ज्यादा खर्चा हो सकता है.

2. Effort Of Transfer Data (डाटा ट्रान्सफर में मुश्किलें)

मौजूदा सिस्टम में डेटाबेस को ट्रान्सफर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है और इसमें बहुत ज्यादा समय भी लग सकता है.

3. Risk होता हिया Database Fails (डेटाबेस फैलियर) होने का 

अगर डाटा कम समय के लिए भी फ़ैल हो गया तो कम्पनी पर इसका असर पड़ेगा और कम्पनी को कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते है.

Database Management System के प्रकार

1. Network Database

इस तरह के डेटाबेस में डाटा को रिकॉर्ड के रूप में दर्शाया जाता है और डाटा के बीच लिंक को दर्शाया जाता है.

2. Relational Database

इसमें डाटा टेबल के रूप में संग्रहित होता है. जहां डाटा Column और Rows में संग्रहित होता है. इसे स्ट्रक्चरल डेटाबेस के रूप में भी जाना जाता है.

3. Hierarchical Database

इसमें डाटा को Parent और Child के रूप में दर्शाया जाता है जो की ट्री स्ट्रक्चर में होते है.

Database Management System की Components क्या हैं?

1. Tables

DBMS में सारा डाटा टेबल्स में रखा जाता है. डाटा संग्रह, फ़िल्टर, संपादन, पुन: प्राप्त करना आदि सभी कार्य टेबल्स पर ही किये जाते है. टेबल्स Rows और Columns से मिलकर बनी होती है जिनके अंदर सारा डाटा स्टोर होता है.

2. Field

टेबल के अंदर प्रत्येक Column को फिल्ड कहते है. इसमें हर डाटा का विशिष्ट भाग संग्रहित होता है जैसे ग्राहक संख्या, ग्राहक का नाम, सड़क का पता, राज्य आदि.

3. Record

टेबल के अंदर पंक्तियों में जो डाटा होता है उसे रिकॉर्ड कहते है. रिकॉर्ड एक तरह की एंट्री है जिसमे व्यक्ति का नाम, फ़ोन नंबर आदि हो सकता है.

4. Queries

किसी टेबल या डेटाबेस में से जरूरत के हिसाब से डाटा निकालने को क्वेरी कहते है. जैसे आप एक ही शहर में रहने वाले दोस्तों की सूचि निकालना चाहते है तो उसे क्वेरी कहेंगे.

5. Forms

आप टेबल में डाटा दर्ज कर सकते है लेकिन उसमे संसोधित करना तथा भण्डारण करना आसान नहीं होता है. इसलिए इस समयसा को दूर करने के लिए फॉर्म्स का प्रयोग किया जाता है. टेबल की तरह ही फॉर्म्स में डाटा दर्ज किया जाता है.

6. Reports

जब आप डेटाबेस के रिकॉर्ड को कागज पर प्रिंट करते है तो उसे रिपोर्ट कहते है.

Database Management System के Function क्या है

1. Create Data: DBMS के द्वारा डाटा को क्रिएट किया जाता है अर्थात उसे टेबल में स्टोर किया जाता है.

2. Manage Data: इसमें डाटा को मैनेज किया जाता है ताकि इसे आसानी से एक्सेस किया जा सके.

3. Update Data: इसमें जरूरत के अनुसार डाटा को अपडेट किया जा सकता है.

4. Delete Data: इसमें जिस डाटा की जरूरत नहीं है उस डाटा को डिलीट किया जाता है.

5. Data Backup: इसमें डाटा का बैकअप लिया जाता है ताकि सिस्टम फैलियर होने पर उसे रिकवर किया जा सके.

6. Data Recovery: इसमें सिस्टम फैलियर होने पर डाटा को रिकवर किया जाता है.

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