सिक्किम के प्रमुख पर्यटन स्थल Famous Tourist Places of Sikkim in Hindi | सिक्किम घूमने जाएँ तो इन टॉप 10 जगहों को घूमें बिना ना आएँ
पहाड़ों से प्यार करने वाले पर्यटकों की पहली पसंद में सिक्किम को शुमार किया जाता है। भारत के पूर्वोत्तर में बसा अंगूठे के आकार का सिक्किम किसी नगीने से कम नहीं है। नेपाल, भूटान और चीन जैसे देशों की सीमाओं से लगे होने के कारण इसकी संस्कृति भी देखने लायक है। दुनियाभर के लोग इसकी खूबसूरती के कायल हैं और जब सुकून और सफ़ेद बर्फ से ढकी पहाड़ियों के बीच जाने का मन होता है तो अमूमन लोग सिक्किम की ओर चल पड़ते हैं। पर्यटकों के बीच इसकी लोकप्रियता इस कारण से भी है कि यहाँ आप जब मन चाहें जा सकते हैं। पहाड़ी जगह होने के बावजूद यहाँ सालों भर मौसम सुहावना रहता है। लिहाज़ा लोग बार-बार यहाँ जाना पसंद करते हैं।
सिक्किम
भारत का एक बहुत ही खूबसूरत और एक छोटा राज्य है जो अपने पौधों, जानवरों, नदियों, पहाड़ों, झीलों और झरनों के लिए जाना-जाता है। सिक्किम भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जहाँ की चोटियाँ, पवित्र झीलें, प्राचीन मठ, आर्किड नर्सरी और आश्चर्यजनक ट्रेकिंग मार्ग सिक्किम को छुट्टी बनाने के लिए परफेक्ट प्लेस बनाते हैं। सिक्किम भारत का सबसे आकर्षक राज्य है जो अपनी उत्कृष्ट प्राकृतिक सुन्दरता साधनों, भव्य पहाड़ों, सुंदर झरनों और कुछ अद्भुत परिदृश्यों से भरपूर है
1. त्सोंगमो (चांगू) लेक
गंगटोक से मात्र 40 कि.मी. की दूरी पर चांगू लेक पड़ती है। ग्लेशियरों के पिघलने से इस यह लेक बनती है जो कि सर्दियों में बर्फ से ढक जाती है। बता दें कि इसी लेक से होते हुए नाथू ला दर्रा जा सकते हैं। यहाँ जो प्राकृतिक दृश्य आपको देखने को मिलते हैं, वो किसी जन्नत से कम नहीं लगते। पास की पहाड़ी से लेक का पूरा व्यू देखकर आनंदित हो सकते हैं। आसपास जंगली फूल आपका मन मोहते रहते हैं। लेक के पास आपको सजा हुआ आकर्षक याक दिख जाता है। इसकी सवारी करना बिल्कुल ना भूलें। जानकारी हो कि इस लेक पर जाने के लिए आपको गंगटोक के पर्यटन विभाग से विशेष परमिट लेने की ज़रूरत पड़ती है। सिक्किम के टॉप अट्रैक्शन में इसका नाम शुमार है।
2. नाथू ला दर्रा
राजधानी गंगटोक से 54 कि.मी. दूर नाथू ला दर्रा एक सैन्य व्यापारिक ठिकाना है। चीन-भारत के व्यापार से जुड़ा ये चौकी तिब्बत के एकदम नज़दीक है। अमूमन सर्दियों में यहाँ बर्फबारी के कारण जाना मुश्किल होता है। अगर अनुमति ले लें तो भारतीय पर्यटकों के लिए ये बुधवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार को खुला रहता है। आप अगर चांगू लेक जाते हैं तो वहाँ से लगभग 18 कि.मी. पर ही नाथू ला दर्रा मौजूद है। इसे ही सिल्क रूट भी कहा जाता है, जहाँ सिर्फ भारतीय पर्यटकों को ही जाने दिया जाता है। हालांकि चीन और भारत के सैनिक यहाँ आ सकते हैं। आपको दोनों देशों की सेनाएँ यहाँ दिख सकती है। अंतर्राष्ट्रीय महत्व की ये जगह आपको कुछ नया अनुभव दे सकता है।
3. यमथांग घाटी
बहती नदी और फूलों से भरी ये घाटी किसी सपने की दुनिया से कम नहीं लगती है। ये 'फूलों की घाटी' नाम से मशहूर है। दिसंबर से मार्च तक इधर भारी बर्फ़बारी होती है लिहाजा पर्यटक इस समय यहाँ नहीं आ सकते। वहीं बाकी से महीने में खिली धूप जब फूलों के बगीचे में अठखेलियाँ करती है तो दिल बाग-बाग हो जाता है। बता दें कि 12000 फीट पर स्थित इस घाटी में लाचुंग चू नदी बहती है, जहाँ से चीन की सीमा महज 20 कि.मी. पर है। सिक्किम जाकर इस 'फूलों की घाटी' में सैर के मजे लेना एकदम ना भूलें।
4. लाचुंग गाँव
प्रकृति की गोद में पहाड़ों के बीच गाँव अक्सर फिल्मों में देखने को मिल जाते हैं। बाहर के लोगों के लिए ये एक कोरी कल्पना ही है। लिहाजा जब सिक्किम आएँ तो लाचुंग गाँव ज़रूर विज़िट करें। लाचुंग नदी किनारे बसे इस गाँव जाने के रास्ते में आपको कई झरने दिखते हैं। साथ ही ये नॉर्थ सिक्किम की ख़ूबसूरती को निहारने का बढ़िया बहाना हो सकता है। तिब्बत बॉर्डर से मात्र 15 कि.मी. दूर इस गाँव में बर्फ़बारी का आनंद लेने पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है। यहाँ की शिल्पकला और लोकल खाना जरूर आजमाएँ। यहाँ एक छोटा सी मोनैस्ट्री भी है, जहाँ इत्मिनान से शांति का अनुभव कर सकते हैं।
5. सेवन सिस्टर्स वाटर फॉल्स
झरनों वाले राज्य सिक्किम के गंगटोक-लाचुंग हाईवे पर पर्यटकों के लिए बेहतरीन गिफ्ट मौजूद है। जी हाँ! टूरिस्टों के बीच ये काफी पॉपुलर जगह है जहाँ एक ख़ास झरना बहती है। बताया जाता है कि ये झरना सात चरणों में पहाड़ से नीचे की ओर बहती है। लिहाजा इसे 'सेवन सिस्टर्स' कहते हैं। कहानी है कि किसी राजा की सात बेटियाँ थीं जिन्हें प्रकृति से बेहद प्यार था। वे सातों राजकुमारियाँ इसी झरने के रूप में प्रकृति में विलीन हो गई। गंगटोक से 32 कि.मी. दूर स्थित ये टूरिस्ट स्पॉट पहुँचने में 40 मिनट का समय लगता है।
6. रुमटेक मोनैस्ट्री
सिक्किम जाने वाले पर्यटक मोनेस्ट्री ज़रूर देखते हैं और ये एक बेहतरीन मौका होता है। वैसे तो कई मोनेस्ट्री यहाँ मौजूद है लेकिन रुमटेक मोनेस्ट्री इन सबमें सबसे ज्यादा फेमस है। रुमटेक मोनेस्ट्री गंगटोक से मात्र 24 कि.मी. की दूरी पर मौजूद है। बौद्धधर्म को निकट से देखने और समझने के लिए आप यहाँ जा सकते हैं। जानकारी हो कि रुमटेक मोनेस्ट्री एक ब्लैक हैट संप्रदाय का मुख्य मठ है जो कि 300 साल पुराना है। यहाँ से आप गोल्डन स्तूप तक भी जा सकते हैं जो कि गोल्ड, सिल्वर और महंगे पत्थरों से बना हुआ है।
7. माउंट कटाओ
साहसिक यात्रा पसंद करने वाले पर्यटकों के लिए 'माउंट कटाओ' बेहद रोमांचित करने वाला स्थान है। राजधानी गंगटोक से 144 कि.मी. दूर स्थित ये जगह वादियों की ख़ूबसूरती से लैश है लेकिन कम ही लोगों को इसके बारे में पता है। इसकी चोटी तक आप ऐसे ही नहीं जा सकते बल्कि इसके लिए सेना से इजाज़त लेनी पड़ती है। यहाँ बर्फ़बारी का आनंद लेना हो तो दिसंबर से फरवरी और घूमने आना हो तो मार्च से जून के बीच आएँ। जानकारी हो कि यहाँ पर आप कई एक्टीविटीज़ कर सकते हैं जैसे स्नोबोर्डिंग, स्टोन ट्यूबिंग आदि।
8. चोपता घाटी
कैंपिंग और ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो सिक्किम के चोपता घाटी पधारें। बर्फ से घिरी पहाड़ियों के बीच कैंपिंग खूब लोकप्रिय हो रहा है। कई लोग छुट्टियों में परिवार के साथ यहाँ घूमने आते हैं और कैंप लगाकर रिलैक्स करते हैं। यहाँ रहना जैसे प्रकृति के गोद में बेहतरीन समय बिताना है। आसपास जो शांति और सीन्स मौजूद हैं वो आपको यहाँ बार-बार खींच लाते हैं। दो बड़े पहाड़ के बीच से घाटी में एक नदी बहती है जो कि ठंड के दौरान जम जाती है। यहाँ बादल आपको खेलते नज़र आएंगे जिससे आप रोमांचित हो जाएँगे।
9. खेचियोपलरी लेक
चारों तरफ से जंगलों से घिरा ये लेक बौद्ध और लेपचा लोगों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। बताया जाता है कि ये झील लोगों की मुरादें पूरी करता है। इसलिए इसे विशिंग लेक भी कहा जाता है, खेचियोपलरी लेक का स्थानीय भाषा में मतलब भी यही है। जंगल से घिरे होने के बावजूद लेक का पानी बेहद साफ़ है जो कि आपको हैरान करेगा। यहाँ से मात्र 2 कि.मी. की दूरी पर खेचियोपलरी गोम्पा जाएँ और माउंट पंडिम का बेहतरीन दृश्य अपनी आँखों से देखें। सिक्किम कदम-कदम पर खूबसूरत है, आप बार-बार इसके दृश्यों से अचंभित होते रहते हैं।
10. बाबा मंदिर
आपको जानकर हैरानी होगी, साथ ही गर्व भी होगा कि सिक्किम में एक सैनिक का मंदिर है। भारतीय सेना के जवान हरभजन सिंह का ये मंदिर चांगू लेक से जरा ऊपर मौजूद है। कहा जाता है कि बाबा हरभजन आज भी यहाँ अपनी ड्यूटी देते हैं। सैनिकों का मानना है कि बाबा आज भी उनके आसपास मौजूद रहते हैं। लिहाजा जब भी चीनी सैनिकों के साथ बैठकें होती हैं, बाबा के लिए कुर्सी खाली रखी जाती है। इतना ही नहीं, खाने-पीने के सामान भी बाबा के लिए रखे जाते हैं। संभव हो तो इस मंदिर में ज़रूर हो आएँ। इसको जानकर सिक्किम के लिए मेरे मन में सम्मान जाग गया। ये एक भावनात्मक प्रेम है जो कि हर भारतीय के दिल में अपने फ़ौजी भाइयों के लिए है।
Massage (संदेश) : आशा है की "सिक्किम के प्रमुख पर्यटन स्थल Famous Tourist Places of Sikkim in Hindi | सिक्किम घूमने जाएँ तो इन टॉप 10 जगहों को घूमें बिना ना आएँ" आपको पसंद आयी होगी। कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव देकर हमें यह बताने का कष्ट करें कि Motivational Thoughts को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके सुझाव इस वेबसाईट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। आप अपने सुझाव निचे कमेंट या हमें मेल कर सकते है!
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