सरोगेसी क्या है | सरोगेसी प्रक्रिया में कितना खर्चा आता है? | Surrogacy kya hai in Hindi

सरोगेसी क्या है | सरोगेसी प्रक्रिया में कितना खर्चा आता है? | Surrogacy kya hai in Hindi

Surrogacy क्या है| Surrogacy प्रक्रिया में कितना खर्चा आता है?

इस संसार में सबसे अच्छा सुखी भरा अनुभव मां बनने का होता है। लेकिन कई महिलाएं ऐसी भी होती है जिनको मां बनने का सुख प्राप्त नही हो पाता है।लेकिन आज के समय में विज्ञान की सहायता से ये असंभव सा दिखने वाला कार्य संभव हो गया हैं।आज इस आर्टिकल के हम आपको Surrogacy प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं।क्या आप जानते हो की Surrogacy क्या है?और इस पूरी प्रक्रिया में कितना खर्चा आ सकता है?

जैसा की आप जानते हो की विज्ञान से हर क्षेत्र के तरसी हासिल कर ली है। वैसे ही आज के समय में मेडिकल साइंस भी अपने क्षेत्र में परिपूर्ण हो चुका हैं।आज सिर्फ मेडिकल साइंस की मदद से वे महिलाएं भी मां बन सकती है जो मां बनने का सपना छोड़ चुकी थी।

आज आपको हम यही बताएंगे की सरोगेसी क्या हैं और कैसे इससे कोई भी महिला मां बनने का सुख प्राप्त कर सकती हैं।Surrogacy क्या है के विषय में पूर्ण रूप से जानने के लिए हमारे इस लेख को आखिर तक पढ़िएगा क्योंकि हम आपको सरोगेसी के अर्थ के साथ उन बॉलीवुड अभिनेत्रियों के बारे में बताएंगे जो सरोगेसी की help से मां बन चुकी हैं।

Surrogacy क्या है?

सरोगेसी उन महिलाओं के लिए होती हैं जो माँ नहीं बन सकती हैं  सरोगेसी की मदद से वो माँ बन सकती हैं | जैसे किसी महिला का बच्चा नहीं रुकता हैं या बार बार बच्चा गिर जाता हैं ब्लड प्रेसर की शिकायत हैं या मोटापा ज्यदा हैं ऐसी महिला  सरोगेसी की मदद से माँ बन सकती हैं |

“किसी और महिला के कोख” से अपने बच्चे को जन्म देना सेरोगेसी कहलाता है।सामान्य में भाषा में ऐसी आप Surrogacy का अर्थ समझना चाहते हो तो आप इसे “किराए की कोख” भी कह सकते हो।जो भी दंपति शादी के बाद माता–पिता बनने में असमर्थ होते है या खुद  बच्चा पैदा करना नही है वो किसी और महिला की कोख को कानूनी समझौते के अनुसार किराए पर ले सकते है जिसके लिए वह महिला अपने पैसे चार्ज करती है।

जिस महिला की कोख को किराए पर लिया जाता है उसे Surrogate Mother कहते हैं।जब किसी महिला के कोख को अपना बच्चा पैदा करने के लिए किराए पर लिया जाता है तो उस दंपति को Surrogate Mother के प्रिगेंसी के दौरान होने वाले सारे खर्चे उठाने होते है।इसके बाद सरोगेसी से जन्म हुए बच्चे को वह दंपति कानूनन रूप में अपना सकते हैं।

जिस प्रक्रिया से बच्चे का जन्म होता है उसे सरोगेसी प्रक्रिया (Surrogacy Process) कहते है।सरोगेसी आमतौर पर उन महिलाओं के द्वारा अपनाया जाता है जिनका प्राकृतिक रुप से भ्रूण का विकास नही हो पाता हैं तथा पहले ही उनका गर्भपात हो जाता है।

क्या बच्चा पैदा करने के लिए जरूरी है Sexual Relationship का होना?

हो सकता है कुछ लोगों को लगता होगा की बच्चा पैदा करने के लिए महिला और पुरुष के बिच सेक्सुअल रिलेशन का होना जरूरी है और बिना किसी सेक्सुअल रिलेशन के कैसे बच्चा पैदा हो सकता है?लेकिन आपको स्पष्ट रूप से बताना चाहेंगे की आज के समय में बच्चा पैदा करने के लिए शारीरिक संबंध का होना जरूरी हैं।

सरोगेसी ही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत किसी महिला को बच्चा पैदा करने के लिए किसी भी तरह का कोई शारीरिक संबंध बनाने की जरूरत नही पड़ती हैं।आप चाहे तो बॉलीवुड की फिल्म “मिमी” को देख सकते हो जिसमे Kriti Sanon ने सरोगेट मदर का रोल निभाया है।

Surrogacy प्रक्रिया क्या है?

सरोगेसी प्रक्रिया के अंतर्गत महिला या पुरुष के स्पर्म से शुक्राणु को सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि बच्चा पैदा किया जा सके। सेरोगेसी मुख्यतः दो तरह की होती है।पहली ट्रेडिशनल सेरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी हैं।

  • ट्रेडिशनल सरोगेसी

ट्रेडिशनल यानी की पारंपरिक सेरोगेसी है जिसके अंतर्गत पुरुष या डोनर के स्पर्म से शुक्राणु को महिला के eggs से मिलाया जाता है।इस प्रक्रिया में जन्म हुए बच्चे का जेनेटिकल संबध केवल पुरुष से होता है।

  • जेस्टेशनल सरोगेसी

इस प्रक्रिया में दंपति के स्पर्म और एग्स को एक साथ मेल टेस्ट ट्यूब से सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता और इससे जन्मे बच्चे का जेनेटिकल संबध माता पिता दोनो से होता हैं।

यह सारी प्रक्रिया आईवीएफ तकनीक के द्वारा संपन्न की जाती हैं।IVF का अर्थ

Surrogacy Process में कितना खर्चा आता है?

यदि भारत में सरोगेसी में आने वाले खर्चे की बात करे तो यह लगभग 15 से 20 लाख के बीच होता और यही खर्चा विदेशों में 50 लाख रू० तक खर्चा आता हैं।

किन परिस्थितियों में सरोगेसी जरूरी है?

  • जब दंपति खुद बच्चा पैदा करना नही चाहते हो।
  • जब महिला प्राकृतिक रूप से मां बनने में असमर्थ हो।
  • जब पुरुष में शारीरिक कमी हो।
  • जब महिला का गर्भाशय पूर्ण रूप से विकसित न हुआ हो।
  • जब बार बार महिला का गर्भपात हो रहा हो।
  • महिला की उम्र अधिक हो।
  • महिला के गर्भ में किसी प्रकार की विकृति हो।
  • दिल की बीमार,ब्लड प्रेशर या गंभीर बीमारी होने पर
  • यूटरस संबधित समस्या होने पर।

ये सभी कुछ ऐसी परिस्थितियां है जिनके चलते सरोगेसी अपनाई जाती हैं।

बॉलीवुड में किन अभिनेत्रियों ने सरोगेसी से मां बनने का सुख प्राप्त किया?

हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा सरोगेसी से अपने पहले बच्चे का अपने घर में स्वागत किया हैं जिसकी जानकारी उन्होंने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल से अपने फैंस के साथ share की थी। प्रियंका चोपड़ा पहली बॉलीवुड अभिनेत्री नही जिहोने सेरोगेट मदर से अपने बच्चे को जन्म दिया हैं।

ये स्टार बने सरोगेसी से मां-बाप

इनके अलावा बॉलीवुड के अन्य सितारों ने भी माता पिता बनने का सुख प्राप्त किया है जिनमें प्रीति जिंटा, सनी लियोनी, शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, आमिर खान, एकता कपूर, तुषार कपूर, करण जौहर आदि शामिल हैं।

सरोगेसी प्रक्रिया

विशेषज्ञ द्वारा निंलिखित चरणों से अंतर्गत सरोगेसी ऐसी कि प्रक्रिया को पूरी देख रेख से अंजाम दिया जाता है:-

  • मेडिकल स्क्रीनिंग:- जब एक दंपत्ति जो जब एक दम्पति जो उस महिला जिसकी कोख उधार लेना चाहते हैं उन दोनों से बीच संपूर्ण सहमति के साथ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो जाते हैं उसके बाद को उधार देने वाली महिला की पूरी मेडिकल स्क्रीनिंग कराई जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए सक्षम है भी या नहीं।
  • भ्रूण स्थानांतरण:- जब एक महिला सरोगेसी के लिए तैयार हो जाती है तो जन्म नियंत्रण गोलियों की मदद से उसको पूरी तरह से भ्रूण के लिए तैयार किया जाता है। उस महिला के शरीर में हार्मोन के स्तर को बनाए रखने के लिए डॉक्टर द्वारा उन्हें प्रोजेस्ट्रोन के कुछ इंजेक्शन भी दिए जाते हैं। उस महिला के हार्मोन लेवल को सामान्य बनाए रखने के लिए 12 हफ्ते तक लगातार उन्हें यह इंजेक्शन दिए जाते हैं। उसके बाद जब भ्रूण पूरी तरह से तैयार हो जाता है तब उस महिला के गर्भाशय में उस भ्रूण को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
  • गर्भावस्था:- भ्रूण स्थानांतरित करने के बाद सेरोगेट मदर गर्भवती हो जाती है। भ्रूण स्थानांतरित के एक हफ्ते बाद गर्भवती महिला को डॉक्टर से जांच करवाना अति आवश्यक होता है ताकि डॉक्टर उस महिला के हार्मोन के स्तर को पूरी तरह से जांच लें।
  • समयसमय पर जांच कराई जाती है:- गर्भ में बच्चा किस तरह से पल रहा है इसके लिए डॉक्टर 9 महीने के अंतराल में कई बार अल्ट्रासाउंड और बच्चे की धड़कन सुनने का काम करते हैं। समय समय पर उस दंपत्ति को भी उस बच्चे की जानकारी दी जाती है कि बच्चा कितना स्वस्थ है और कितना नहीं।
  • बच्चे का जन्म:- 9 महीने तक गर्भवती महिला का पूरा ख्याल रखा जाता है और उसके बाद वह बच्चे को डॉ की देखरेख में जन्म देती है और उस दंपत्ति को सोंप देती है जिन्होंने उस महिला की कोख उधार ली हो।
  • सरकारी प्रक्रिया:- सरोगेसी की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए भारत में बहुत सारी सरकारी एजेंसिया है जिसके अंतर्गत बच्चों का लेन-देन होता है उसके बाद बच्चे को जन्म देने वाली महिला कभी भी उस बच्चे पर ना तो हक जता पाती है और ना ही उस बच्चे को अपने पास रख सकती है।

सेरोगेसी के लिए आवश्यक योग्यता है

किन महिलाओं को सेरोगेसी के अंतर्गत मां बनने का अवसर दिया जाता है उसकी कुछ निम्मलिखित योग्यताएं है:-

  • जिस महिला को आप सरोगेट मदर के तौर पर रखना चाहते हैं उसका मेडिकल रिकार्ड पूरी तरह से स्वस्थ हो ना चाहिए । यदि उसके पहले भी बच्चे हों तो उसकी डिलीवरी उचित तरीके से हुई होनी चाहिए।
  • सरोगेट मदर की भी एक उम्र निर्धारित की गई है जिसके अनुसार वह महिला 21 वर्ष से लेकर 41 वर्ष की उम्र के बीच होनी चाहिए।
  • उस महिला का बॉडी मास इंडेक्स बिल्कुल भी 33 से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • वह महिला जो एक दम्पति के बच्चे को अपनी कोख में रखने वाली है उस महिला का शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार का स्वास्थ संपूर्ण प्रकार से स्वस्थ होना चाहिए।
  • वह एक सामान्य जीवन व्यतीत करने वाली महिला होनी चाहिए । उस महिला में धूम्रपान, शराब जैसी कोई बुरी लत नहीं होनी चाहिए।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात सेरोगेसी के लिए उसे खुद अपने मन से राजी होना बेहद जरुरी है । किसी के दबाव में आकर उसे यह फैसला बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए।

प्रक्रिया में होते हैं विवाद भी (Disputes about Surrogacy)

कई बार बच्चे को जन्म देने के बाद सरोगेट मदर इमोशनली अपनी कोख में पले बच्चे से इतनी अटैच हो जाती है कि बच्चा देने से मना कर देती है। इसके अलावा यदि जन्म लेने वाली संतान विकलांग निकल जाए या उसमें किसी तरह का दूसरा विकार हो तो इच्छुक दंपत्ति उसे लेने से भी मना कर देते हैं। ऐसी सब बातों को देखते हुए ही सरकार ने सरोगेसी पर एक बिल पास किया है।

क्यों लाया गया है बिल?

विधेयक कहता है कि कानून के बगैर सरोगेसी एक अनियंत्रित कमर्शियल पेशा जैसा बन जाएगा। सरोगेट मांओं का शोषण हो सकता है, अनैतिक कार्य होंगे। इस प्रक्रिया के जरिए पैदा हुए बच्चों को छोड़ा जा सकता है। सरोगेसी के लिए मानव भ्रूण और अंडाणु या शुक्राणुओं की खरीद-बिक्री भी हो सकती है। कानून आयोग की सिफारिश पर यह प्रस्ताव लाया गया है, जो सरोगेट मांओं और बच्चों के अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करता है।

Conclusion :–

Surrogacy क्या है के बारे में हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ जानकारी share की हैं।आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको Surrogacy क्या है और इसमें कितना खर्चा आता है के बारे में बताया हैं।इसके साथ हमने उन बॉलीवुड स्टार के बारे में बताया है जो सरोगेट मदर की मदद से माता पिता बने हैं।

इसी के साथ हम उम्मीद करते है की आपको यह आर्टिकल पसंद जरूर आया होगा और सरोगेसी की जानकारी आपको अच्छे से समझ आ हुई होंगी।यदि आपको लेख पसंद आए तो जरूर रोजाना अन्य जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग visit करते रहिएगा।

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