शादी में सामान लिस्ट इन हिंदी | Shadi Main Saman ki List in Hindi 2023

शादी में सामान लिस्ट इन हिंदी | Shadi Main Saman ki List in Hindi 2023
शादी कैसे करे ये तो आपको पता है ही तब ही तो आप शादी का सामान लिस्ट देखने आये हैं । शादी कैसे करे ये शादी करने वाला जरूर पूछता है लेकिन शादी की तैयारी कैसे करें ये सारा दिमाग उसके घर वाले लगते रहते है। शादी एक दिन की होती है और काम महीनो के। शादी की रस्म चाहे छोटी हो या बड़ी सुई से लेकर हाथी जितना सामान चाहिए होता है। वैसे तो हर धर्म की शादी के रीति रिवाज़ अलग होते हैं और शादी की रस्मे भी। शादी की मांगलिक शुरुवात भगवान् के नाम से होती है तो श्री गणेश पूजा सामग्री लिस्ट इस प्रकार है ।

गणेश पूजा सामग्री लिस्ट

गणेश पूजा एक प्रसिद्ध धार्मिक अवसर है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश जी को सभी शुभ कार्यों में आदिपुरुष और विधाता के रूप में पूजा जाता है। इस पूजा के दौरान निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

गणेश मूर्ति: एक सुंदर और शुभ वास्तु के अनुसार बनी गणेश जी की मूर्ति। आप एक पारंपरिक पट्टी वाली लाल चंदनी मूर्ति को भी चुन सकते हैं।

गणेश पूजा का वस्त्र: गणेश जी को पूजन के लिए विशेष वस्त्र। आप परंपरागत धार्मिक वस्त्र या लाल चंदनी वस्त्र चुन सकते हैं।

गणेश पूजा के विशेष सामग्री: सुपारी, कच्चा चावल, धूप, दीप, अगरबत्ती, कलश, गुड़, घी, हल्दी, कुमकुम, अख्शत, बताशे, सिंदूर, पुष्प (फूल), पान पत्ता, साफा, थाली, पांचमृत (दूध, दही, घी, शहद, घृतकुमारी रस), फल, पानी आदि।

पूजा के लिए बैज (अभियान): गणेश पूजा के दौरान पंडित या परिवार के अन्य सदस्यों को चिह्नित करने के लिए एक विशेष अभियान।

पूजा की थाली: गणेश पूजा के लिए विशेष पूजा की थाली जिसमें धूप, दीप, अगरबत्ती, अख्शत, घी, आरती की थाली आदि रखने के लिए स्थान होता है।

वैदिक पुरोहित: गणेश पूजा के दौरान पंडित जो वैदिक मंत्रों का पाठ करता है।

प्रासाद: पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में मिठाई या फल।

ध्यान दें कि गणेश पूजा की सामग्री के संबंध में स्थानीय संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखना चाहिए। समय-समय पर यह सामग्री बदल सकती है और इसमें थोड़ी विभिन्नता हो सकती है।

रोके की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

रोके की रस्म, जिसे रोका संस्कार भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध धार्मिक और सामाजिक अवसर है, जो विवाह के पूर्व अवसर पर दुल्हन और दुल्हे के परिवार के बीच सहमति की पुष्टि करता है। इस अवसर पर दो परिवारों के सदस्य एक दूसरे के साथ मिलते हैं और विवाह के आगामी आयोजन के बारे में चर्चा करते हैं। रोके की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है।

शगुन: रोके की रस्म के दौरान स्नेही संबंध को दर्शाने के लिए विशेष शगुन। इसमें मिठाई, फल, सुपारी, कच्चा चावल, मिर्ची, नारियल आदि शामिल हो सकते हैं।

रोके का आभूषण: रोके की रस्म के दौरान दुल्हन द्वारा पहने जाने वाले आभूषण जैसे की बाजूबंद, कंगन, बाल्यां, नथ, हार, बाजुबंद आदि।

सजावटी हरियाली और फूल: रोके की रस्म में सजावटी हरियाली और फूल।

विशेष भोजन: रोके की रस्म के दौरान स्नेही संबंध को दर्शाने के लिए विशेष भोजन के सामान।

वैदिक पुरोहित: रोके की रस्म के दौरान पंडित जो वैदिक मंत्रों का पाठ करता है।

सगाई अभियान: रोके की रस्म के दौरान दुल्हे के परिवार के व्यक्तियों को चिह्नित करने के लिए एक विशेष अभियान (बैज)।

रोके के वस्त्र: दुल्हन और दुल्हे के लिए विशेष रोके के वस्त्र।

गुलाब और फूल: रोके की रस्म में उपयोग के लिए गुलाब और फूल।

मिठाई: रोके की रस्म के दौरान गुड़ खाने और स्नेही संबंध को दर्शाने के लिए मिठाई।

यह सामान रोके की रस्म की प्रमुख सामग्री है। ध्यान दें कि आपके संस्कृति और परंपराओं के अनुसार सामग्री में थोड़ी विभिन्नता हो सकती है, इसलिए आपको अपने परिवार या संप्रदाय के अनुसार सामान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

शुगन और चुन्नी चढ़ाई की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

  • उपहार
  • गहने
  • चुन्नी
  • रोली
  • चावल
  • फल व मिठाई

सगाई की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

सगाई (एंगेजमेंट) एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक अवसर है, जिसमें दुल्हन और दुल्हे के परिवार के सदस्य आमंत्रित होते हैं और विवाह के संबंध में सहमति देते हैं। यह रस्म विवाह के पूर्व होती है और एक धार्मिक संस्कार होता है जिसमें दो परिवारों के मध्य विवाह संबंध की पुष्टि की जाती है। सगाई की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है।

सगाई अभियान: सगाई की रस्म के दौरान दुल्हे के परिवार के व्यक्तियों को चिह्नित करने के लिए एक विशेष अभियान (बैज)।

सगाई का आभूषण: दुल्हन द्वारा पहने जाने वाले आभूषण जैसे कि हार, कंगन, बाल्यां, नथ, अंगूठी, बाजूबंद, आदि।

सगाई के वस्त्र: दुल्हन के लिए विशेष सगाई के वस्त्र।

सगाई के वस्त्र: दुल्हे के लिए विशेष सगाई के वस्त्र।

गुलाब और फूल: सगाई की रस्म में उपयोग के लिए गुलाब और फूल।

सिन्दूरदानी और सिन्दूर: सगाई की रस्म के दौरान दुल्हन के परिवार के व्यक्तियों द्वारा उपयोग होने वाली सिन्दूरदानी और सिन्दूर।

मिठाई: सगाई की रस्म के दौरान गुड़ खाने और स्नेही संबंध को दर्शाने के लिए मिठाई।

विशेष भोजन: सगाई के दौरान स्नेही संबंध को दर्शाने के लिए विशेष भोजन के सामान।

वैदिक पुरोहित: सगाई की रस्म के दौरान पंडित जो वैदिक मंत्रों का पाठ करता है।

यह सामान सगाई रस्म की प्रमुख सामग्री है। ध्यान दें कि आपके संस्कृति और परंपराओं के अनुसार सामग्री में थोड़ी विभिन्नता हो सकती है, इसलिए आपको अपने परिवार या संप्रदाय के अनुसार सामान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

हल्दी की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

शादी में हल्दी की रस्म एक महत्वपूर्ण और धार्मिक अवसर है, जिसमें दूल्हे और दुल्हन के चेहरे और शरीर को हल्दी लगाई जाती है। हल्दी की रस्म के लिए आपको कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है। नीचे हल्दी की रस्म के लिए सामान की लिस्ट दी गई है:

हल्दी पाउडर: एक छोटी डिब्बी में हल्दी पाउडर। यह रस्म में उपयोग होने वाली हल्दी होती है।

तेल: तेल (तिल का तेल, नारियल तेल या सरसों का तेल) जिसका उपयोग हल्दी को पसीने से रोकने के लिए किया जाता है।

उबटन की मिट्टी: हल्दी को तैयार करने के लिए बर्तन (मिट्टी की मटकी)।

दूध या पानी: हल्दी को गूंथने के लिए दूध या पानी की आवश्यकता होती है।

कटोरी या प्याला: हल्दी को गूंथने के लिए या उसे रस्म के दौरान लगाने के लिए कटोरी या प्याला।

फूलों का गजरा: हल्दी की रस्म में धूप, दिये, और गजरा का उपयोग होता है।

बर्तन (प्लेट और कटोरी): रस्म के दौरान उपयोग के लिए भोजन रखने के लिए बर्तन।

बेडशीट और तौलिया: हल्दी के प्रयोग के दौरान अनावश्यक धुले हुए परिधानों को बचाने के लिए।

गाँठ लगाने के लिए धागा: हल्दी की गाँठ लगाने के लिए धागा (सूती धागा या रस्सी)।

दिवा और बत्ती: धूप और प्रकाश का उपयोग करने के लिए।

इन सामग्रियों के साथ आपको रस्म को धार्मिक और रंगीन बनाने में मदद मिलेगी। शादी में हल्दी की रस्म का अनुभव आपके लिए यादगार और स्नेहपूर्ण हो।

मेहँदी की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

मेहँदी रस्म एक प्रसिद्ध और प्रिय धार्मिक रस्म है, जो विवाह के पूर्व अवसर पर दुल्हन के हाथों और पैरों में हेना लगाने का अवसर प्रदान करता है। यह धार्मिक रस्म भारतीय विवाह में एक महत्वपूर्ण अंग है। मेहँदी की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है। ध्यान दें कि यह सामग्री भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, आपको अपने परिवार या संप्रदाय के अनुसार सामान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

हेना की मिठी: अच्छी गुणवत्ता वाली हेना पेस्ट या हेना की मिठाई।

हेना की प्याली या कटोरी: हेना की मिठी रस्म के लिए उपयोग होने वाली एक विशेष प्याली या कटोरी।

हेना एप्लीकेटर: हेना लगाने के लिए उपयोग होने वाले एप्लीकेटर या टूल।

मिठी संगी के वस्त्र: मेहँदी रस्म के दौरान संगी के विशेष वस्त्र।

मेहँदी रस्म के वस्त्र: दुल्हन के लिए विशेष मेहँदी रस्म के वस्त्र।

हरियाली: मेहँदी रस्म के लिए सजावटी हरियाली या फूल।

दुल्हन के आभूषण: मेहँदी रस्म के दौरान दुल्हन के आभूषण जैसे की बाजूबंद, कंगन, बाल्यां, नथ, हार, बाजुबंद आदि।

संगी के आभूषण: मेहँदी रस्म के दौरान संगी के आभूषण जैसे की बाजूबंद, कंगन, बाल्यां, हार, नथ आदि।

मेहँदी की थाली: हेना रस्म के लिए हेना की प्याली, मिठाई, हेना एप्लीकेटर, सुपारी, कच्चा चावल, मिर्ची, सिंदूर, और दीपक आदि को रखने के लिए विशेष थाली।

गुलाबजल: हेना रस्म के बाद मेहँदी को सुखाने और गहरी रंग के लिए गुलाबजल।

ध्यान दें कि मेहँदी की रस्म के दौरान आपको संबंधित व्यक्तियों की संवेदनशीलता और सम्मान से रस्म को निपुणता से संचालित करने की सलाह दी जाती है।

 

 

 

संगीत की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

संगीत की रस्म विवाह में एक धार्मिक और मनोरंजक अवसर है, जिसमें दुल्हन और दुल्हे के परिवार के सदस्य संगीत, नृत्य, और गायन के माध्यम से विवाह उत्सव में भाग लेते हैं। यह रस्म विवाह के पूर्व या विवाह समारोह के दौरान होती है। संगीत की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है।

संगीत समारोह के स्थल: संगीत की रस्म का आयोजन करने के लिए विशेष स्थान, जैसे एक विदाई या मंडप स्थल आदि।

संगीत व्यायामी: संगीत व्यायामी जो संगीत और नृत्य को आयोजित करेगा और गाता है।

संगीत उपकरण: नृत्य और संगीत के लिए विशेष उपकरण, जैसे कि ताल, ढोलक, हारमोनियम, धोल, ढोलकी आदि।

संगीत संगणक: संगीत को गाने और नृत्य करने के लिए संगणक।

वेशभूषा: संगीत समारोह में उपस्थित सभी संगीतकारों और नृत्यागारों के लिए वेशभूषा या कपड़े।

आभूषण: संगीतकार और नृत्यागारों के लिए आभूषण।

संगीतकार का अनुभवी टीम: एक अनुभवी संगीतकार जो संगीत समारोह को संचालित करेगा।

संगीत भजन: संगीत समारोह में गाए जाने वाले विवाह से संबंधित भजन।

विशेष भोजन: संगीत समारोह के दौरान विशेष भोजन के लिए सामान।

संगीत समारोह का अभिन्न हिस्सा हैं गाने के लिए माइक्रोफ़ोन, संगीत और नृत्य को संचालित करने के लिए आवश्यक विद्युतीय यंत्र।

ध्यान दें कि विवाहित जीवन के सभी रस्म धार्मिक और सामाजिक संस्कृतियों पर निर्भर करते हैं, इसलिए आपको अपने परिवार और संप्रदाय के अनुसार संगीत की रस्म की योजना करने की सलाह दी जाती है।

जागो की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

  • सजी हुई गागर
  • मोमबत्तियाँ
  • लाइटर
  • घंटियों से सजी हुई छड़ी

गाणे बांधने की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

गाणा

मोली

पूजा का सामान जैसे की चावल,रोली,फूल इत्यादि

चूड़ा चढ़ाने की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

चूड़े की रस्म पंजाबियो और सिख धरम में निभाई जाती है जिसमे होने वाली दुल्हन को लाल और सफ़ेद चुडिया जिसे चूडा कहा जाता है पहनाई जाती है। ये चूडिया कच्ची लस्सी में धो कर विधि विधान के साथ पहनाई जाती है। शादी की हर रस्म का कुछ महत्व होता है उसी तरह इसका भी है I

चूड़ा

कच्ची लस्सी

सेहरा बंधी और घुड़चढ़ी की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

शादी की रस्म लिस्ट में एक और नाम शामिल होता है और वो है घुड़चढ़ी की रस्म । पर क्या आपको पता है के दूल्हा घोड़ी पर हे क्यों बैठता है ??

  • सुरमादानी
  • सेहरा
  • गुलाबी चुन्नी या लस्सा
  • नारियल का खोपा
  •  

वरमाला की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

वरमाला रस्म एक प्रसिद्ध धार्मिक अवसर है, जिसमें विवाह के दौरान दुल्हन द्वारा दुल्हे को वरमाला पहनाई जाती है। यह रस्म विवाहित जीवन के शुभारंभ का प्रतीक होता है। वरमाला की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है।

फूल: वरमाला बनाने के लिए खास रूप से विकसित किए गए फूल। यह फूल सामान्यतः गुलाब, जस्मीन, राजनीगंधा, मोगरा आदि हो सकते हैं।

गुलदस्ता या वरमाला साज़: फूलों को वरमाला बनाने के लिए विशेष धागा जो गुलदस्ता या वरमाला साज़ के नाम से जाना जाता है।

वैदिक पुरोहित: वरमाला रस्म के दौरान पुरोहित जो वैदिक मंत्रों का पाठ करता है।

वरमाला बाकस: वरमाला को सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष बाकस या संदूक।

फूलों का गजरा: वरमाला रस्म के लिए फूलों से बना गजरा जिसे दुल्हन उभारती है।

पानी कलश: विवाह के अवसर पर वरमाला के साथ पानी कलश भी लिया जाता है।

संगी का साथ: वरमाला रस्म के दौरान विवाहित जो संगी के रूप में मदद करते हैं।

ध्यान दें कि वरमाला की रस्म के दौरान आपको संबंधित व्यक्तियों की संवेदनशीलता और सम्मान से रस्म को निपुणता से संचालित करने की सलाह दी जाती है। इसलिए, आपको अपने परिवार या संप्रदाय के अनुसार सामान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

 

कन्यादान की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

कन्यादान एक धार्मिक और सामाजिक अवसर है, जिसमें पिता या जिम्मेदार आदमी बेटी को उसके पति के घर विवाह के लिए सौंपता है। यह एक प्रतिष्ठित और धृष्टता से नियमित की जाने वाली प्रक्रिया है। कन्यादान की रस्म के लिए आपको कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है। नीचे कन्यादान की रस्म के लिए सामान की एक साधारण लिस्ट दी गई है:

वरमाला: वरमाला, जो विवाह के दौरान दुल्हन द्वारा दुल्हे को पहनाई जाती है।

दुल्हन के वस्त्र: दुल्हन के विवाह के वस्त्र, सड़क के वस्त्र और अन्य पहनावे।

आभूषण: दुल्हन के लिए आभूषण और श्रृंगार सामग्री।

शगुन और दान: धार्मिक रूप से कन्या दान के रूप में दिये जाने वाले शगुन और दान के सामान।

मांगलिक द्रव्य: धर्मिक कर्मों के लिए उपयोग होने वाले द्रव्य जैसे कुमकुम, चावल, सिन्दूर आदि।

श्रीफल (नारियल): दुल्हन के पिता द्वारा दुल्हे को सौंपने के लिए श्रीफल।

शादी के मिठाई: शादी के अवसर पर गेस्ट्स को बांटने के लिए मिठाई।

फूलों का गजरा: दुल्हन के बालों के लिए फूलों का गजरा।

कन्यादानी भेंट: कन्यादान के रूप में दुल्हन के पिता द्वारा दुल्हे को दी जाने वाली भेंट।

धार्मिक पुस्तक: धार्मिक कार्यक्रम और पूजा के लिए उपयोग होने वाली पुस्तक।

कृपया ध्यान दें कि कन्यादान की रस्म के लिए यह सामान भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में भिन्न-भिन्न हो सकता है, इसलिए आपको अपनी परिवार की अनुसरणीय परंपराओं और विशेषताओं के अनुसार समान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

मंगल फेरे की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

मंगल फेरे एक धार्मिक अवसर हैं, जिसमें दुल्हे और दुल्हन को सात वचनों के साथ सात  फेरों के दौरान पवित्र अग्नि के आसपास चलाया जाता है। यह विवाहित जीवन की संबंध बनाने वाला महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। मंगल फेरे की रस्म के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है। यह रस्म धार्मिक रूप से प्रतिष्ठित और पारंपरिक तरीके से की जाती है।

हवन कुंड: विवाह मंत्रों के लिए एक छोटा हवन कुंड।

होम कर्ता के वस्त्र: पंडित या पुरोहित द्वारा पहने जाने वाले परंपरागत वस्त्र।

हवन सामग्री: घी, समिधा, द्रव्य, दूध, यज्ञोपवीत, दूप, अगरबत्ती आदि हवन सामग्री।

सप्तपदी: सप्तपदी के लिए आवश्यक सप्तपदी चौकी या विशेष आसन।

पानी की कलश: विवाह के रस्म के लिए एक पानी की कलश, जिसे सप्तपदी के दौरान उपयोग किया जाता है।

मंगलसूत्र: दुल्हन के गले में पहने जाने वाला मंगलसूत्र।

चादर और सिन्दूर: विवाह के रस्म के दौरान उपयोग होने वाली चादर और सिन्दूर।

परंपरागत वस्त्र: दुल्हे और दुल्हन के विवाह के वस्त्र और अन्य परंपरागत पहनावे।

फूलों का गजरा: विवाह मंत्रों के दौरान फूलों का गजरा।

शगुन और दान: विवाहित जीवन की शुरुआत में दान और शगुन के रूप में दिए जाने वाले सामान।

यह सामान मंगल फेरों के रस्म के लिए सामान्य रूप से उपयोग होने वाले हैं। ध्यान दें कि इन सामग्रियों की भी विशेषताएं और प्रक्रिया विवाह के अनुसरणीय संस्कृतियों और परंपराओं के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। इसलिए, आपको अपने परिवार के पुरोहित या पंडित से सलाह लेना बेहतर होगा।

सिंदूरदान की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

सिन्दूर की पवित्रता का तो आप सब ने सुना ही होगा पर क्या आपको ये पता है के सिंदूर, मांग में ही क्यों लगाया जाता है ?

सिंदूरदान एक महत्वपूर्ण धार्मिक रस्म है, जिसमें दुल्हन अपने मांग में सिंदूर लगाकर विवाहित जीवन की प्रतीक्षा करती है। यह रस्म भारतीय विवाह उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सिंदूरदान की रस्म के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है।

सिंदूर: अच्छी गुणवत्ता वाला और पवित्र सिंदूर, जो दुल्हन द्वारा अपने मांग में लगाया जाएगा।

सिन्दूरदानी: सिंदूर लगाने के लिए उपयोग होने वाली चिकनी छोटी पिंटू की खाली खिचड़ी जैसी चीज़।

आभूषण: विवाह के दिन धार्मिक और सुंदर आभूषण जैसे कंगन, हार, बाजूबंद आदि।

दुल्हन के वस्त्र: विवाह के लिए विशेष रूप से तैयार किये गए वस्त्र।

आईब्रो और आंखों के लिए काजल: दुल्हन के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए काजल।

आभूषण की डिब्बी: आभूषणों को रखने के लिए एक छोटी डिब्बी या संदूक।

दर्पण: दुल्हन के सामान्य श्रृंगार के लिए दर्पण।

हैंडमिरर: दुल्हन के हैंडमिरर के लिए एक छोटा दर्पण।

दुल्हे के रस्मी वस्त्र: दुल्हे के लिए परंपरागत और विशेष रूप से तैयार किए गए वस्त्र।

फूलों का गजरा: दुल्हन के बालों के लिए फूलों का गजरा।

ध्यान दें कि यह सामान अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं में थोड़ा-थोड़ा बदल सकता है, इसलिए आपको अपने परिवार या संप्रदाय के अनुसार आवश्यक सामग्री तैयार करने की सलाह दी जाती है।

विदाई की रस्म के लिए सामान की लिस्ट

विदाई एक भावनात्मक और संवेदनशील अवसर है, जिसमें दुल्हन अपने परिवार और मातृगणों को छोड़कर अपने पति के घर को जाती है। यह विवाह के अवसर पर सबसे भावुक और भावनात्मक रस्म में से एक है। विदाई की रस्म के लिए निम्नलिखित सामान की आवश्यकता होती है। ध्यान दें कि यह सामग्री भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, आपको अपने परिवार के अनुसार सामान तैयार करने की सलाह दी जाती है।

विदाई के वस्त्र: दुल्हन के लिए विदाई के वस्त्र जो विदाई के दौरान पहना जाता है।

फूलों का गजरा और माला: दुल्हन के बालों के लिए फूलों का गजरा और हाथ में फूलों की माला।

बिदाई सामान: विदाई के लिए विशेष बिदाई सामान जैसे कंगन, हार, बाजूबंद आदि।

सिन्दूर: विदाई के समय दुल्हन द्वारा मांग में सिंदूर लगाना।

सौभाग्य भरा घर: विदाई के दौरान धार्मिक रूप से परिवार के सदस्यों के द्वारा लिया जाने वाला आभूषण।

हैंडमिरर और दर्पण: विदाई के दौरान अपनी खूबसूरती की जांच करने के लिए दर्पण और हैंडमिरर।

दुल्हे के रस्मी वस्त्र: दुल्हे के लिए परंपरागत विशेष रूप से तैयार किए गए वस्त्र।

मिठाई और पूजा सामग्री: विदाई के अवसर पर दुल्हे के घर जाने वाली दुल्हन के पिता द्वारा दिए जाने वाले शगुन और मिठाई के सामान।

टिका और काजल: दुल्हन के भावुक चेहरे को सजाने के लिए टिका और काजल।

विदाई गीत: विदाई के दौरान गाए जाने वाले विदाई गीतों के एल्बम या सामान्य ध्वनियंत्र।

ध्यान दें कि विदाई की रस्म के दौरान संबंधित व्यक्तियों की भावना भावुक हो सकती है, इसलिए आपको उचित संवेदनशीलता और सम्मान से विदाई की रस्म को निपुणता से संचालित करने की सलाह दी जाती है।

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भगवान की फोटो या प्रतिमा

हिन्दू समाज में गणेश जी को सबसे प्रथम पूजा जाता है. इसलिए इनकी फोटो या प्रतिमा जरुर रखें. इसके साथ ही माता लक्ष्मी की भी फोटो या प्रतिमा को रखें.

एक अनुभवी पुजारी

हिन्दुओं की पूजा किसी पंडित के द्वारा ही पूरी मानी जाती है. लगभग हर हिन्दू परिवार का एक फॅमिली पंडित होता है, जो सारी रस्मों को अच्छे से पूरा करवाते है. अगर आपके पास ऐसे कोई पंडित नहीं है तो आप अपनी जान पहचान से एक पंडित जी से पहले ही बात कर लें. शादी सीजन में पंडित जी लोग भी व्यस्त रहते है, इसलिए उनसे सारी बातें पहले ही कर लें.

मेहँदी एवं संगीत रस्म –

हल्दी के बाद, मेहँदी की रस्म होती है. ज्यादातर ये रस्म शाम या रात के समय होती है. आजकल मेहँदी प्रोफेशनल के द्वारा ही लगवाई जाती है. इसमें किसी पूजा पाठ की जरुरत नहीं होती है. लेकिन यह भी शादी की एक रस्म का मुख्य भाग है, इसमें दुल्हन को अच्छे से तैयार होना चाहिए, ये सब यादें है जो कैमरे में कैद होती है, जो हमें जीवन भर याद रहती है. इसलिए इन पलों को जी भर के जीना चाहिए और यादगार बना देना चाहिए. कई लोग मेहँदी सेरेमनी के समय ही लेडीज संगीत भी करते है, जिसमें घर, रिश्तेदार, दोस्त सभी मिल कर नाच गाना करते है. मेहँदी का गहरा रंग एवं उससे लम्बे समय तक रखने के तरीके जानने के लिए यहाँ पढ़ें.

शादी की रस्मों के बीच बैठने की व्यवस्था –

शुभ शादी समारोह पर, पूजा कुछ सख्त नियमों में की जाती है. दूल्हा, दुल्हन एवं पंडित जी के बैठने का स्थान अहम होता है, इसके लिए पंडित जी से पूछ कर ही जगह तय करें.

हवन सामग्री –

हिन्दू शादी में अग्नि के सात फेरे लेकर ही दूल्हा दुल्हन गठबंधन में बंधते है. इसके बाद ही उनकी शादी पूरी मानी जाती है. हवन के लिए हवन कुंड लाकर रखें, इस कुंड में सबसे पहले रेत की लेयर रखें. हवन की पूरी सामग्री, पूजा सामग्री वाली शॉप पर मिल जाती है. इसके अलावा आम के पेड़ की सूखी लकड़ी रखें, चंदन, घी, शक्कर, चावल को भी हवन में डाला जाता है.

धान, राजह्म रस्म के लिए –

2 प्लेट चावल राजह्म रस्म के लिए लगते है. इसमें लड़की का भाई, दूल्हा दुल्हन के हाथों में धान डालता है, जो अग्नि में गिरता जाता है.

ताजे फूल – पत्ती –

आम के पेड़ की पत्ती, पान, दुवा पूजा के समय लगती है. इसके साथ ही ताजे फूल भी लगते है. दूल्हा दुल्हन के लिए जयमाल भी ताजे फूलों की बनती है.

ताजे फल –

शादी की रस्म में बहुत से फलों की भी जरूरत होती है. प्रसाद के तौर पर फलों को चढ़ाया जाता है. इसमें केला, नारियल बहुत जरुरी होता है, इसके अलावा 5 अलग अलग तरह के फल रख सकते है.

कलश –

कलश में पवित्र जल को रखा जाता है, आप इसमें गंगा जल या कोई भी पवित्र नदी का जल रख सकते है. कलश के तौर पर ताम्बे का लौटा उपयोग किया जाता है. इसके उपर आम के पत्ते और फिर नारियल रखते है. नारियल के गुण एवं फायदे जानने के लिए यहाँ पढ़ें. कलश को हवन कुंड के पास में रखते है. इसके पास में गोबर से बने गौर गणेश को पान के पत्ते के उपर रखा जाता है, और फिर इसकी पूजा की जाती है.

गठबंधन के लिए जरुरी समान –

गठबंधन मतलब दूल्हा दुल्हन के बीच बाँधी हुई गाँठ. इसे दुल्हन की साडी और दूल्हा के चुन्नी से बांधा जाता है. गठबंधन के समय शंख बजाय जाता है, इसलिए इस समय शंख अवश्य रखें.

बड़ो का आशीर्वाद –

बड़ों के द्वारा गुलाब के फूल को गंगा जल में डुबोकर दूल्हा दुल्हन के उपर छिड़का जाता है.

सिंदूर –

अग्नि के सात फेरे लगाने के बाद दूल्हा, दुल्हन को सिंदूर लगाता है. सिंदूर सुहागन औरत के सुहाग का प्रतीक होता है. इसमें सिंदूर को चांदी के सिक्के या अंगूठी से भरा जाता है.

मंगलसूत्र –

मंगलसूत्र भी सुहागन की निशानी होती है. हिन्दुओं में शादीशुदा औरतें मंगलसूत्र को हमेशा पहने रहती है. इस सेरेमनी के समय दूल्हा दुल्हन पर फूल बरसाए जाते है.

अन्य सामग्री –

क्रमांक सामग्री
1. हल्दी, कुमकुम
2. मिठाई
3. नयी टॉवल, एक साडी, एक ब्लाउज पीस, शाल
4. सुहागन का पूरा समान
5. दीपक जलने के लिए, घी, तेल, बत्ती
6. सफ़ेद धागा, मौली
7. चौक बनाने के लिए आटा या रंगोली

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