दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हैं लेकिन अपने परिवार के लिए आप पूरी की पूरी दुनिया हैं । इसिलिए अपना ख्याल रखियें । अपनों का ख्याल रखियें ।
एक बार एक व्यक्ति देर रात ऑफिस से थका हरा घर लौता हैं काम करके । अपने घर की दरवाजे की घंटी बजाता हैं । उसका पांच साल का बेटा आता हैं । दरवाजा खोलता हैं । और पापा से लिपट जाता हैं । उस व्यक्ति को ये बात पसंद नहीं आती क्योंकि वो थका हरा होता हैं । खीजा हुआ होता हैं। बच्चे को डाटने लगता हैं । ये क्या तरीका हैं की आकर के लिपट गए तुम मुझसे । बच्चा लेकिन पीछा नहीं छोड़ता पापा को । ये व्यक्ति जो अन्दर आकर के सोफ़ा पर बैठ जाता हैं । बच्चा फिर भी पास आ जाता हैं और पूछता हैं की पापा, मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ । ये व्यक्ति गुस्से में कहता हैं की पूछो क्या पूछना चाहतें हों । तो बच्चा कहता हैं की पापा आप एक घंटे में कितना कमा लेते हो । इस व्यक्ति को गुस्सा आ जाता हैं और बोलता हैं की ये कैसा उल्टा सीधा सवाल पूछ रहे हो । ऑफिस से आया हूँ तुम्हे दिख नहीं रहा हैं । बचा कहता हैं की पापा प्लीज बताओ न । ये व्यक्ति जबाब देता हैं की १०० रूपए । अब वो पांच साल का बेटा जो है कहता हैं की पाप मैं आपसे ५० रूपए उधार ले सकता हूँ । इस व्यक्ति को और गुस्सा आ जाता हैं । तुम्हे सिर्फ पैसे चाहिए थे । महँगे ख़िलौने खरीदने हैं । पढ़ाई लिखाई करनी नहीं हैं । ये हैं वो हैं इसिलिए तुम पैसे माँग रहें हो घुमा फिर के । बच्चे के आँखों में आंसू आ जाता हैं । ये और डाटने लगता हैं जाओ चुप - चाप अपने कमरे में । बच्चा चुप - चाप अपने कमरे में जाकर के सो जाता हैं । आधा - घंटा बिट जाता हैं । इस व्यक्ति का गुस्सा थोड़ा ठंडा होता हैं । उसे एहसास होता हैं की शायद बच्चे को कोई काम रहा होगा क्योंकि बच्चे ने कभी पैसे मांगे नहीं । उठ कर के जाता हैं अपने बच्चे के कमरे में जाकर के देखता हैं तो बच्चा ! नींद तो उसे आई नहीं होगी । रो रहा होता हैं । इधर - उधार करवट बदल रहा होता हैं । उसके पास जाकर के उसे चुप करवा कर के कहता हैं की माफ़ कर दो शायद मैंने कुछ ज्यादा डॉट दिया । मुझे डाटना नहीं चाहिए था । ये लो ५० रूपए अपने पॉकेट से पैसे निकाल कर के उसे देता हैं । बच्चा ख़ुशी से झूम उठता हैं । शुक्रिया ! पापा कह कर के बिस्तर से उतरता हैं अपने अलमारी के तरफ जाता हैं । अपने अलमारी से गुलख निकलता हैं । गुलख फोड़ता हैं तो सिक्के निकलता हैं । जैसे ये नजारा पापा देख रहें होते हैं तो ये और चिल्लाने लगता हैं । तम्हारे पास पहले से इतने पैसे थे तो तमने क्यों मुझसे इतने पैसे मांगे । बच्चा मासूमियत से इसके पास आता हैं । और कहता हैं पापा ये पुरे १०० रूपए हैं । क्या आपका एक घंटा मुझे मिल सकता हैं । कल से प्लीज थोड़ा जल्दी आ जाओ न आपके साथ खाना खाने का मन करता हैं ।
इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में हम कब ये भूल गए की अपनों के लिए ही हमारे पास वक़्त नहीं हैं । ज़िन्दगी में असली ख़ुशी वहीँ हैं जो आप सबके साथ बाँट सकें । इसिलिए ख़ुशियों को अपनों के साथ बाटियें ।
Massage (संदेश) : आशा है की "दुनिया के लिए आप एक व्यक्ति हैं लेकिन अपने परिवार के लिए आप पूरी की पूरी दुनिया हैं । इसिलिए अपना ख्याल रखियें । अपनों का ख्याल रखियें ।" आपको पसंद आयी होगी। कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव देकर हमें यह बताने का कष्ट करें कि Motivational Thoughts को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके सुझाव इस वेबसाईट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। आप अपने सुझाव निचे कमेंट या हमें मेल कर सकते है!
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