इस दुनिया में हर इंसान की ज़िन्दगी में कभी न कभी कोई न कोई समस्या आती हैं । हो सकता हैं की इन दिनों आपके ज़ीवन में कोई समस्या चल रही हो !!
एक बार की बात है एक सेठ जी, सेठानी जी के पास में बोलता हुआ तोता था और तोते का मन होता था तो इंसान के आवाज़ में बात करता था । वर्ण नहीं करता था । सेठ जी और सेठानी जी जो थे ये दोनों ही बड़े भक्त किस्म के थे । हमेशा इन्हें भक्ति में मन लगा रहता था । हमेशा इनके नित्य का नियम था की शाम में एक सत्संग में जाते थें । एक बाबाजी के वहां जाते, सत्संग सुन करके वापस आते । नित्य का नियम वो कर रहे थें । शाम में जा रहें थे सत्संग के लिए की तोते ने सेठ जी को आवाज़ लगाई की मालिक मेरा एक सवाल हैं । आज आप सत्संग में जा रहें हो तो महराज जी से पूछना जरूर मेरा सवाल है की मैं आज़ाद कब होऊँगा । सेठ जी ने कहाँ की ठीक है भाई तेरा सवाल भी पूछ लूंगा । शाम में पहुँचे वहाँ बाबाजी का सत्संग शुरू हुआ, सत्संग ख़त्म हुआ । ख़त्म होने के बाद में सवाल जबाब चलने लगें तो सेठजी ने कहाँ की महाराज जी आज मेरा सवाल नहीं हैं । मेरे तोते का सवाल हैं और तोता पूछना चाहता है की मैं आज़ाद कब होऊँगा । जैसे ही ये सवाल सेठ जी ने पूछा महाराज जी बेहोश हो गए । अब बाबाजी के लिए पानी लाया गया । उन्हें जैसे तैसे होश में लाया गया । उसके बाद में वापस जो है सेठ जी पहुँचे अपने घर पर और तोते ने पूछा की मालिक हुआ क्या ? मेरे सवाल का जबाब मिला, तो सेठ जी ने कहाँ तू है ही म्हनूश जैसे ही तेरा सवाल पूछा महारज जी बेहोश हो गए । जैसे तैसे उन्हें होश आया । तेरा सवाल अब मैं दोबारा पुछूंगा ही नहीं ।
अगली शाम फिर से सेठ जी, सेठानी जी सत्संग के लिए गए और जब वापस लौट करके आएँ तो देखते हैं की तोता मरा हुआ हैं । उन्होंने सोचा की अरे ये तो बहुत ग़लत हो गया । पिंजरे को बहार लेकर के गए घर से पिंजरा खोला तोते को बहार निकालने के लिए । जैसे ही पिंजरा खोला तोता उड़ गया । सेठ जी को समझ नहीं आया । सेठ जी अगली शाम में फिर वहाँ पहुँचे सत्संग में । बाबाजी ने पूछा अरे वो तोते का जो सवाल था हुआ क्या तोते को । तो सेठ जी ने बताया की तोता तो बड़ा कलाकारी निकला । महाराज जी हम सोचे की वो मर गया हमने पिंजरा खोला और वो बेहोशी का नाटक कर रहा था उड़ गया । महाराज जी ने कहाँ देखो तोता भी मेरा संकेत समझ गया । लेकिन तुम पूरी बात नहीं समझ पा रहें हो । हर शाम में तम लोग यहाँ आते हो इतनी सारी ज्ञान की बातें सुनते हो लेकिन ज़िन्दगी में लागू नहीं करते हो ।
बचपन से आपकी हमारी ज़िन्दगी में बहुत सारी बातें बड़ो ने सिखाई है, शिक्षकों ने सिखाई हैं, दादी ने सिखाई हैं, नानी ने सिखाई हैं । लेकिन हम अपनी ज़िन्दगी में लागू नहीं करते हैं । मालूम हमे सब होता हैं
हमे मालूम है की अगर मंज़िल तक पहुँचना है तो जुनून के साथ काम करना होगा । तभी हम जो चाहतें हैं वो मिलेगा । इसिलिए कुछ लोगों ने सही कहाँ है की आपको ज़िन्दगी में लक्ष प्राप्त करना है तो कामुक रहियें ।
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