
वो कहते हैं न ज़माने को मत बदलो बदलना है तो खुद को बदलो । ज़माना खुद पे खुद बदल जाएगा !!
एक बार की बात है एक बहुत ही खूबसूरत मोहतरमा, बहुत ही खूबसूरत, वो अपनी फ्लाइट के लिए देर हो रही थी । वो भागते दौड़ते पहुँचती हैं। विमान में अंदर जाती हैं । आखिरी यात्री होती हैं । अंदर जब पहुँचती है अपने सीट के पास जाती हैं तो उदास हो जाती हैं । नाराज़ हो जाती हैं । क्यों ? क्योंकि उनके सीट के पास वाली सीट पर एक दिव्यांग व्यक्ति बैठा रहता हैं । जिनके दोनों हाथ नही थे । वो आवाज़ देती हैं एयर होस्टेस को बुलाती है और कहती हैं कि ये क्या है ? ऐसे यात्री के साथ मैं यात्रा नहीं कर सकती । एयर होस्टेस को समझ नही आता हैं कि ये क्या कह रहीं हैं । एयर होस्टेस उन्हें कहती हैं कि आप धैर्य राखिए मैम और कृप्या बैठ जाइए । लेकिन ये जो खूबसूरत सी मोहतरमा थी ये कहती है नहीं । एयर हॉस्टेस को समझ नही आता की अच्छी खासी दिखने वाली महिला जो है वो इस तरीके से बात कर रही हैं । कहती है ठीक है मैम आपने कहाँ है तो हमारे लिये हर यात्री महत्वपूर्ण होता हैं । मैं अंदर जाती हूँ कैप्टन से बात करती हूँ कुछ उपाय निकलती हूँ ।
वो अंदर जाती है से बात करती है । और बहार आती हैं । और आकर के मोहतरमा से कहती हैं कि हमारे कैप्टन ने आज एक असाधारण निर्णय लिया हैं । हम पहली बार अपनी फ्लाइट में एक ऐसे यात्री को जो इकॉनमी क्लास मे बैठा हैं उन्हें बिज़नेस क्लास में शिफ्ट करने जा रहें हैं। ये सुनने के बाद में ये जो खूबसूरत सी मोहतरमा थी । आखिरी यात्री थी । ये बड़ी खुश होती है । रिलैक्स महसूस करती हैं । चलो आखिरकार मेरी बात सुनी । लेकिन एयर होस्टेस जो होती हैं वहां रूकती नही है वो आगे बढ़ जाती हैं और उन दिव्यांग व्यक्ति के पास पहुँचती हैं जिनके पास दोनों हाथ नही थे । और उन्हें कहतीं है सर ! मेरे साथ आइए । हम आपको फर्स्ट क्लास में शिफ़्त कर रहें हैं । बिज़नेस क्लास में शिफ्ट कर रहें है क्योंकि हम नही चाहते की आप ऐसे यात्री के साथ में यात्रा करें जिन्हें इन्सानियत की परवाह नही । इंसानों की परवाह हैं । ये सुनने के बाद फ्लाइट में जितने लोग थे सब ताली बजाने लगे । और वो व्यक्ति अपने सीट से उठते हैं और कहते है कि ये दोनों हाथ मैंने कारगिल के युद्ध में खोएँ थे । और जब मैं इन मैडम की बात सुन रहा था तो मुझे लगा किन लोगों के लिए हम वहां जान गवाने के लिये तैयार हैं । लेकिन जब कैप्टन का फैसला सुना और आप लोग की तालियाँ सुनी तो मुझे लगा की नही हम देश वासियों के लिए लड़ाई लड़ रहें थे ।
ये छोटी सी कहानी हमे बहुत सारी बातें बताती हैं । पहली बात ज़िन्दगी में सिरत खूबसूरत होनी चाहिए सूरत में कुछ नही रखा । जो व्यक्ति ज़िन्दगी में ये सोचता रहता है कि मैं ऐसा दीखता हूँ, वैसा दीखता हूँ रंग के बारे में सोचता है । लम्बाई के बारे में सोचता है । पर्सनालिटी के बारे में सोचता हैं । अगर आपकी सिरात अच्छी हो तो ज़िन्दगी में, दुनिया में आप कुछ भी कर सकते हैं ।
Massage (संदेश) : आशा है की "वो कहते हैं न ज़माने को मत बदलो बदलना है तो खुद को बदलो । ज़माना खुद पे खुद बदल जाएगा !!" आपको पसंद आयी होगी। कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव देकर हमें यह बताने का कष्ट करें कि Motivational Thoughts को और भी ज्यादा बेहतर कैसे बनाया जा सकता है? आपके सुझाव इस वेबसाईट को और भी अधिक उद्देश्यपूर्ण और सफल बनाने में सहायक होंगे। आप अपने सुझाव निचे कमेंट या हमें मेल कर सकते है!
Mail us : jivansutraa@gmail.com
दोस्तों अगर आपको हमारा post पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे. आप हमसे Facebook Page से भी जुड़ सकते है Daily updates के लिए.
इसे भी पढ़े :
- Pen Drive क्या है और कैसे काम करता है? What is Pen Drive and How its Works
- Input Device क्या है और इसके प्रकार | What is Input Device and its Types
- यूँ ही नहीं होती हैं ज़िन्दगी में तब्दीलियाँ, रोशन होने के लिए मोम को भी पिघलना पड़ता हैं !!
- Output Device क्या है और इसके प्रकार | What is Output Device and its TypesOutput Device क्या है और इसके प्रकार | What is Output Device and its Types
- Linux क्या है, इसका इतिहास और फायदे | What is Linux and What its History and Benefits