SMPS क्या है और कैसे काम करता है?
हेलो दोस्तों आपका स्वागत है हमारे मोटिवेशनल वेबसाइटस पर आज हम बात करने वाले है SMPS के बारे में इससे पहले हमने आपको बताया था की Gateway क्या है, इसके प्रकार और कैसे काम करता है? और Bridge क्या है और कैसे काम करता है? तो चलए शुरू करते है।
SMPS का नाम आपने शायद ही सुना होगा, और बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें नहीं पता की SMPS Kya Hota Hai और जाहिर सी बात है जिन्हें नहीं पता SMPS Kya Hai उन्हें यह भी नहीं पता होगा की SMPS Ka Use Kaha Hota Hai
आपने कई बार देखा होगा की जब आपके घर में वोल्टेज कम या ज्यादा होता है तो उससे आपके घर में जो भी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण जैसे फ्रिज, कंप्यूटर और टीवी आदि होते है उनके खराब होने का खतरा बढ़ जाता है तो इनकी सुरक्षा के लिए एक डिवाइस का उपयोग होता है जिसे SMPS कहते है |
इसलिए हमारी आज की पोस्ट SMPS उपर ही है आज की पोस्ट में आपको SMPS की पूरी जानकारी दी जाएगी जैसे SMPS Kya Hai, SMPS Kaise Kam Karta Hai और SMPS Kyu Zaruri Hai तो चलिए शुरू करते है |
SMPS क्या है?
SMPS की फुल फॉर्म SWITCH MODE POWER SUPPLY होती है. बिजली की आपूर्ति एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जिसका उपयोग कंप्यूटर या मशीनों जैसे उपकरणों या भार को विद्युत शक्ति प्रदान करने के लिए किया जाता है. इन विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक भारों को विभिन्न श्रेणियों में और अलग-अलग विशेषताओं के साथ शक्ति के विभिन्न रूपों की आवश्यकता होती है. इस कारण से कुछ बिजली इलेक्ट्रॉनिक कन्वर्टर्स या पावर कन्वर्टर्स का उपयोग करके शक्ति को आवश्यक रूपों वांछित गुणों के साथ में परिवर्तित किया जाता है।
SMPS का उपयोग आज के समय में बहुत सी चीजों में किया जा रहा है जैसे कि Computers, Fridge, Microwave Ovens, DVD प्लेयर और DTH आदि. दोस्तों अगर आसान शब्दों में कहा जाये तो SMPS का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों में किया जाता है. SMPS सभी Electronics उपकरण में 220 से 240 की वोल्टेज पर काम कराता हैं. अगर Computer की बात की जाए तो सीधे Computer Board को 240 वोल्टेज की बिजली सप्लाई दे दी जाए तो वह जल जाएगा और उसका Board खराब हो जाएगा. इन सब परेशानियों और नुकसान से बचने के लिए एक System तैयार किया गया जिससे कि 220 या 240 वॉल्ट की सप्लाई देने के बाद में उसको कई वोल्टेज में Divide करके अलग-अलग भागों में बाँट कर अलग अलग पार्ट में भेजा जा सके और उसी को हम SMPS कहते है।
SMPS काम कैसे करता हैं?
तो सबसे पहले मैं Cable से जो current computer के पास आता है तो वो पहले SMPS के अंदर जो छोटे device है उनसे होते हुए ज्याता है, तो सबसे पहले AC filter के पास जाता है वहां पे AC filter करने की प्रक्रिया में Nutral और Phase के बिच में NTC, Fuse, line Filter, PF Capacitor का इस्तेमाल होता है, इसके Output को Rectifier और Filter को दिया ज्याता है, जो की इसको AC से DC में Convert करता है जो Rectifier था और जो filter था वो दो capacitor की मदद से Smooth DC में Convert करता है, इस प्रक्रिया का Output Pure DC होता है और इसको switching transistor को दिया ज्याता था यहाँ पे हम दो NPN transistor का इस्तेमाल करते है जो की switching Cycle की मदद से फिर एक AC Output देता है, इसको हम देते है एक और एक प्रक्रिया करने के लिए जिसका नाम था SM transformer तो ये थी SMPS की PRIMARY CIRCUIT की बात, इसके बाद ये और एक बार Rectifier और Filter को दिया ज्याता है जो की फिर से इसको इस AC Supply को और एक बार Smooth DC में Convert करता है (एक बात याद रखना की घर में transformer के पास से जो current आता है वो है AC और Battery में जो current आता है वो DC होता है) ये क्रिया के बाद जो Output निकला वो तिन Form में होता है एक 12VOLT, 5 VOLT, 3 VOLT. ये तो SMPS की primary और Secondary circuit है।
लेकिन primary circuit के Rectifier और Filter एक Output Starter transfermer के साथ Connect होता और ये Starter के साथ Connect होता जिसको और एक Amlifier IC के साथ Connect किया ज्याता है और इसके तिन Output WIRE होते हैं, amplifier IC SMPS का एक एसा area है जहाँ पे पूरा management का काम होता है. Amlifier IC से तिनMajor Cable निकल ते हैं एक है green जो की Power on केबल है दूसरा Violet colour में आता है जो की +5 volt का Stand by current देता है, और तीसरा जो है वो Gray color में आता है, जिसको Power Bood cable बोला ज्याता है।
इन तीनो Output Cable को MotherBoard को दिए ज्याते हैं. Switching Transister और amplifier IC को एक Driver के साथ Connect रहता है और इसको amplifier IC के जरिये Control किया ज्याता है. secondary Switching Circuit से एक sensing wire आता है जो की Amplifier IC को बताता है की Load बढ़ रहा है, तो उसी वक्त DRIVER जो की SWITCHING Transiter on –off प्रक्रिया को बढ़ा देता है, और जिसे एक Constant speed में Voltage मिलता रहता है. जो की +12volt, +5volt और +3volt होता है और इसी प्रक्रिया को switching Mode Power Supply बोला ज्याता है. जब green cable का Power on होता है तब 12v, 5v, और 3v SMPS से MotherBoard को मिलता है. कुछ इस तरह SMPS काम करता है।
Alternative Current और Direct Current क्या होता है
अब हम आपको बताते हैं कि अल्टरनेटिंग करंट और डायरेक्ट करंट क्या होता है. वैसे करंट का मतलब फलों ऑफ चार्ज होता है. यह दो तरह का होता है डायरेक्ट और अल्टरनेटिंग करंट अल्टीनेटर करंट इसमें चार्ज फलों दोनों तरफ होता है. पॉजिटिव से नेगेटिव और नेगेटिव से पॉजिटिव दोनों दिशाओं में चार्ज होता है. अगर हम डायरेक्ट करंट की बात करते हैं. तो डायरेक्ट करंट का फलों सिर्फ एक ही दिशा में होता है वह सिर्फ नेगेटिव से पॉजिटिव तक होता है.जिसका हम आपको एक आसान सा उदाहरण बताते हैं जिस तरह से हम अपने टीवी रिमोट और घड़ी में सेल का इस्तेमाल करते हैं।
वह सिर्फ एक ही तरफ से करंट निकलता है. क्योंकि जब हम उसको उल्टा डाल देंगे तो वह रिमोट नहीं चलेगा और अगर हम उसको सिर्फ सही दिशा में डालते हैं. तो हमारा रिमोट और घड़ी दोनों काम करने लगेगी तो यह डीसी करंट का एक बहुत ही बड़ा और बहुत ही अच्छा उदाहरण है.अल्टरनेटिंग करंट का उदाहरण जो हमारे घर में ट्रांसफार्म से बिजली आती है वह अल्टरनेटिव बिजली होती है.और हमारे कंप्यूटर को डीसी करंट चाहिए होता है. इसलिए हमारे घर की अल्टरनेटिव बिजली को एसी में डीसी में कन्वर्ट करने के लिए SMPS का प्रयोग किया जाता है।
SMPS के प्रकार-
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D.C. to D.C. Converter
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Forward Converter
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Flyback Converter
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Self-Oscillating Flyback Converter
D.C. to D.C. Converter
स्विच मोड पावर सप्लाई (एसएमपीएस) की अवधारणा को डीसी से डीसी कनवर्टर का उपयोग करके नीचे समझाया गया है. लोड को एक निरंतर वोल्टेज आपूर्ति (VOUT) दी जाती है जो वोल्टेज आपूर्ति VIN के प्राथमिक स्रोत से प्राप्त की जाती है. VOUT का मूल्य श्रृंखला (RS) या शंट (IS) में जुड़े वर्तमान स्रोत के अलग-अलग प्रतिरोधक द्वारा नियंत्रित किया जाता है. बदलती आईएस के माध्यम से VOUT को नियंत्रित करने और RS को स्थिर रखने के लिए, कनवर्टर में काफी मात्रा में बिजली खो जाती है।
इसे एक स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर को Fed किया जाता है जो 50Hz की ट्रांसफार्मर इकाई के वजन और आकार की विशेषताओं के बराबर होता है. स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर का आउटपुट आगे के रेक्टिफायर में Fed किया जाता है. फ़िल्टर्ड और रेक्टिफ़ाइड आउटपुट DC पावर को लोड के लिए एक स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है, और इस आउटपुट पावर का एक नमूना आउटपुट वोल्टेज को नियंत्रित करने के लिए एक फीडबैक के रूप में उपयोग किया जाता है. इस फीडबैक वोल्टेज, थरथरानवाला का समय नियंत्रित होता है और एक बंद होता है।
स्विचिंग-पावर सप्लाई के आउटपुट को PWM का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है। जैसा कि ऊपर सर्किट में दिखाया गया है स्विच को PWM थरथरानवाला द्वारा संचालित किया जाता है जैसे कि स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर को Fed की जाने वाली बिजली को परोक्ष रूप से नियंत्रित किया जाता है और इसलिए, पीडब्लूएम द्वारा इस पल्स चौड़ाई संकेत और आउटपुट के रूप में आउटपुट को नियंत्रित किया जाता है. वोल्टेज एक दूसरे के विपरीत आनुपातिक हैं।
Forward Converter(फॉरवर्ड कनवर्टर)
Forward Converter एक तरह का SMPS Converter होता है जो Choke के द्वारा Current को Transmit करता है. जब Transistor पूरा off हो जाता है तो Diode Power को Broadcast करता है. इस प्रकार दोनों Term के दौरान Load में विधुत का प्रवाह होता है लेकिन Choke विधुत को Stored रखता है Choke भंडार ऊर्जा ON Period के दौरान और कुछ ऊर्जा को Output Load में भेजता है।
Flyback Converter(फ्लाई बैक कनवर्टर)
100W से कम उत्पादन क्षमता वाली SMPS सर्किट आमतौर पर फ्लाई-बैक कन्वर्टर प्रकार SMPS की होती है और यह अन्य SMPS सर्किटों की तुलना में बहुत सरल और कम लागत वाला सर्किट होता है. इसलिए यह अक्सर कम-शक्ति वाले अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।
निरंतर परिमाण के साथ अनियमित इनपुट वोल्टेज को MOSFET का उपयोग करके तेजी से स्विच करके एक वांछित आउटपुट वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है स्विचिंग आवृत्ति लगभग 100 kHz है. ट्रांसफार्मर का उपयोग करके वोल्टेज का अलगाव प्राप्त किया जा सकता है. व्यावहारिक फ्लाई-बैक कनवर्टर को लागू करते समय PWM नियंत्रण का उपयोग करके स्विच ऑपरेशन को नियंत्रित किया जा सकता है।
सामान्य ट्रांसफार्मर की तुलना में फ्लाई-बैक ट्रांसफार्मर विभिन्न विशेषताओं को प्रदर्शित करता है. फ्लाई-बैक ट्रांसफॉर्मर के दो वाइंडिंग चुंबकीय रूप से युग्मित इंडिकेटर्स के रूप में कार्य करते हैं. इस ट्रांसफार्मर का आउटपुट डायोड और रेक्टिफिकेशन और फ़िल्टरिंग के लिए एक संधारित्र के माध्यम से पारित किया जाता है।
Self-Oscillating Flyback Converter
Flyback के सिद्धांत के आधार पर यह सबसे सरल Converter है. Conduction समय के दौरान Switching Transistor Linear रूप से एक Slop के रूप से बढ़ता है जो की Vin/Lp होता है।
SMPS के Power Connectors
SMPS Power Connectors का उपयोग करके एक Computer System के Different Components जैसे की Motherboard, Hard Disk Drive और अन्य Components को Power Supply करता है. Power Supply DC Voltage को ले जाने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक Electric Connector है इसमें पांच प्रकार के Connector होते है।
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ATX Power Connectors
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20 + 4 Pin ATX या Motherboard Connectors
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CPU 4+ 4 Pin Connectors
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SATA Power Connector
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Peripheral 4 Pin Molex Connector
ATX Power Connectors
ATX Power Connectors में बीस Pin Connector लगे होते है जिसमें से 6 प्रकार के वोल्टस बाहर की और निकले होते है. ATX का उपयोग Motherboard को Power Supply करने के लिए किया जाता है. Pin पर Wire के रंग उससे Related Voltage को दर्शाता है।
20 + 4 Pin ATX या Motherboard Connectors
यह Connectors Motherboard और उससे जुड़े हुए अन्य Components जैसे कि RAM, Low End Graphics Card, PCI Cards, Fan आदि को Electricity प्रदान करता है. यह 20 Pin और 4 Pin के दो अलग अलग भागों में विभाजित रहता है।
CPU 4+ 4 Pin Connectors
यह 4- 4 Pin के दो भागों में विभाजित होता है. यह सभी 12v के होते है ये CPU को Power प्रदान कराते है।
SATA Power Connector
यह सभी SATA Device (Hard Disk, DVD Rom आदि) को Power प्रदान करता है।
Peripheral 4 Pin Molex Connector
SMPS के फायदे-
High efficiency: स्विचिंग एक्शन का मतलब है कि सिरिज रेगुलेटर एलिमेंट या तो On या Off है और इसलिए कम एनर्जी हिट के रूप में नष्ट होती है और बहुत हाई एफिशिएंसी लेवल प्राप्त किया जा सकता है।
Compact: हाई एफिशिएंसी और कम हिट के अपव्यय के परिणामस्वरूप स्विच मोड पावर सप्लाई को अधिक कॉम्पैक्ट बनाया जा सकता है।
Flexible technology: स्विच मोड पावर सप्लाई टेक्नोलॉजी, वोल्टेज स्टेप-अप या Boost ऐप्लीकेशन या स्टेप-डाउन या Buck ऐप्लीकेशन में हाई वोल्टेज कन्वर्श़न्ज़ प्रोवाइड करता हैं।
SMPS के नुकसान-
Noise: स्विच मोड पावर सप्लाई पर स्विचिंग एक्शन से होने वाली क्षणिक स्पाइक सबसे बड़ी समस्या है। SMPS जो पावर करता हैं वह स्पाइक सर्किट के सभी एरियाज में माइग्रेट कर सकते हैं यदि स्पाइक ठीक से फ़िल्टर्ड नहीं हैं। इसके अतिरिक्त स्पाइक या ट्रांसमिनेटर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक या RF इंटरफेरेंस का कारण बन सकते हैं जिसका असर अन्य नज़दीकी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस पर हो सकता हैं, खासकर अगर वे रेडियो सिग्नल रिसिव करते हैं।
Costs: किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए SMPS लगाने से उसकी लागत बढ़ जाती हैं।
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