Router क्या है और काम कैसे करता है
हेलो दोस्तों आपका फिर से स्वागत है हमारे मोटिवेशनल वेबसाइटस पर आज हम बात करने वाले है की Router क्या है और काम कैसे करता है और हमने अगली बार बात की थी की Linux क्या है, इसका इतिहास और फायदे उम्मीद है आपको हमारा ब्लॉग जरूर से पसंद आया होगा। तो चलिए हम शुरू करते है आज का हमारा टॉपिक जो की है Router क्या है और काम कैसे करता है।
आज दुनिया का हर दुसरा व्यक्ति इंटरनेट का Use करता है, क्योंकि आज हमारा हर काम इंटरनेट के जरिये ही होता है, जैसे शॉपिंग करना, बिल भरना, मोबाइल और DTH रिचार्ज करना आदि|
इंटरनेट एक ऐसी चीज़ जिसने हमारी दिनचर्या आसान बनाई है, इतना ही नहीं इंटरनेट के जरिये आज हर काम घर बैठे हो जाता है, जिससे हमारा समय और मेहनत दोनों बचती है, लेकिन बहुत से ऐसे भी लोग है जिन्हें पता भी नहीं होता है की इंटरनेट क्या होता है|
इसलिए आज हम आपको इंटरनेट से जुड़े एक रोचक विषय के बारे में बताने जा रहे है जिसका नाम है Router, शायद आप भी नहीं जानते होंगे की Router Kya Hai, तो चलिए आपको बताते है Router क्या है।
राऊटर क्या है(What is Router)
यदि आप अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर किसी भी डिवाइस में wifi इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो राऊटर के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि राऊटर किसी कंप्यूटर तथा इंटरनेट के मध्य डेटा पैकेट को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।
राऊटर एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो दो या दो से अधिक कंप्यूटर नेटवर्क को जोड़ने का कार्य करता है। यह सूक्ष्म हार्डवेयर नेटवर्किंग डिवाइस होते हैं जो नेटवर्क के रूप में data को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाते हैं। उदाहरण के लिए हम इंटरनेट पर रोजाना ईमेल, वेब पेज आदि सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
तथा इन सेवाओं में छुपा डेटा पैकेट के रूप में होता है। राऊटर द्वारा उस डेटा पैकेट को प्राप्त करने के बाद उस पैकेट में मौजूद जानकरी को पढ़ने के बाद राऊटर उसे नेटवर्क एड्रेस तक पहुँचाता है। इस तरह किसी पैकेट को नेटवर्क के माध्यम से एक राऊटर से अन्य राऊटर तक पहुचाकर सूचना दी जाती है।
अतः इस प्रकार राऊटर इंटरनेट पर यातायात निर्देशन का कार्य करते हैं। राऊटर wire या वायरलेस दोनों तरीकों से कंप्यूटर्स को कनेक्ट करते हैं।
राऊटर का इतिहास क्या है?(History of Router)
एक राउटर की आइडीया, जिसे गेटवे कहा जाता था, कंप्यूटर नेटवर्किंग रिसर्चर्स का एक ग्रुप से आया जो एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क वर्किंग ग्रुप नाम के एक आर्गेनाइजेशन था, जो 1972 में इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग की एक कमेटी बन गई।
1974 में, पहला router डेवलप किया गया था और 1976 तक, PDP-11 आधारित Router इंटरनेट का एक प्रोटोटाइप एक्सपेरिमेंटल वर्जन बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। 1970 के दशक के मध्य से लेकर 1980 के दशक तक मिनी कंप्यूटरों को Router के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
आज, हाई-स्पीड मॉडर्न Router वास्तव में तेजी से डेटा पैकेट फॉरवार्डिंग के लिए अतिरिक्त हार्डवेयर वाले कंप्यूटर और एन्क्रिप्शन जैसे विशेष सिक्युरिटी फ़ंक्शन हैं।
राउटर कैसे काम करता है (How Router Works in Hindi)
जैसे की आपको पता है Router , Packet को एक network से दुसरे Network में Forward करने का काम करता है. यह भी कह सकते हो Source से Destination Address तक packet भेजता है. इसका मुख्य काम है packet को Receive करना और Receiver को Deliver करना. आपने अपने computer से एक Facebook Message भेजा अपने दोस्त के पास, जो अभी Delhi में है. सबसे पहले message एक Packet में convert हो जाता है और पास वाले Router के पास पहुँच जाता है. अब Router, Routing Protocol से Routing Table को check करता है.
Routing table में आस पास वाले जितने भी Router हैं उन सभी का Address और path Distance रहता है. फिर इसके बाद सबसे पास वाले Router के पास Packet को Forward किया जाता है, जिसमे Receiver का IP address रहता है. packet अगले Router के पास पहुँचते ही वो भी फिर से Shortest Path को Check करता है और अगले Router के पास भेज दिया जाता है. कुछ इस तरह से Packet Receiver Computer के पास पहुँच जाता है.
एक Router बहुत सारे Network को जोड़ता भी है और अपने Routing table को Maintain भी करता है. maintain मतलब Update करता रहत है. हर एक Router अपने अपने आस पास वाले Router की जानकारी रखते हैं. Routing Protocol सारे Routers में रहता है जिसकी मदद से वो आपस में बात चित करते हैं. और इसके साथ साथ अपने connected Networks की Information को आपस में Share करते हैं, Routing table को Update करते हैं. कुछ इस तरह से यह Networking Device काम करती है।
राउटर का उपयोग?
- राऊटर की मदद से विभिन्न कलाकृति (architecture) इथरनेट, टोकन रिंग आदि नेटवर्क को कनेक्ट किया जा सकता है।
- राऊटर में मौजूद डायनामिक रूटिंग तकनीक के इस्तेमाल से यह आपके लिए इंटरनेटवर्क में best path चुन सकता है।
- राऊटर collision डोमेन के निर्माण कर नेटवर्क ट्रैफिक को काफी कम करने का कार्य करता है।
- इसके साथ ही राऊटर ब्रॉडकास्ट डोमेन का निर्माण कर नेटवर्क ट्रैफिक में कमी लाने में साहयता करता है।
राऊटर के पुर्जे ( Components of A Router ) :
राऊटर भी एक तरह से Specialize कंप्यूटर की तरह ही होता है इसीलिए इसमें सॉफ्टवेर और हार्डवेयर दोनों होते है इसीलिए इसके पार्ट में सबसे पहले नंबर आता है।
- CPU का : कंप्यूटर की ही तरह राऊटर में भी ये ब्रेन का ही काम करता है लेकिन राऊटर में ये एक स्पेशल सॉफ्टवेर पर काम करता है जिसे OS कहते है. ये Operating System राऊटर के हर पुर्जे को मैनेज करता है और उनके काम को बताता है।
- Flash Memory : कोई भी डिवाइस जो इनफार्मेशन रिसीव और ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है उसे मेमोरी की जरूरत जरुर पड़ती है इसीलिए राऊटर में भी Flash Memory होती है. राऊटर के लिए ये एक तरह की हार्ड डिस्क ही होती है जिसमें Routing Algorithm, Protocol and Tables सेव किये जाते है।
- Random Access Memory : कंप्यूटर की ही तरह RAM राऊटर के ऑन होते वक़्त उसके ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करती है।उसके बाद राऊटर डीसाइड करता है कि इसमें कौन कौन से रॉउटस होंगे।इस वाली RAM में Routing Tables के साथ साथ ARP tables, Metrics और बाकी डाटा स्टोर होती है और ये पैकेट को आगे फॉरवर्ड करने और प्रोसेस करने के लिए स्पीड भी देती है।
- Console : जब बात राऊटर को मैनेज करने और कॉन्फ़िगर करने की होती है तो वो सारा काम Console ही करता है।जी हाँ, कॉन्फ़िगरेशन की और ट्रबलशूटिंग की सभी कमांड्स भी कंसोल ही करता है।
- Non-Volatile RAM : राऊटर में 2 तरह की RAM होती है और ये वाली RAM परमानेंट होती है।इसमें OS का बैकअप और स्टार्टअप वर्शन सेव है. ऐसे में जब भी कभी राऊटर को बूट करना पड़ता है तो यही मेमोरी प्रोग्राम को लोड करने में हेल्प करती है।
- Network Interfaces : हर राऊटर में Network Interface होते है और ऑपरेटिंग सिस्टम होने के साथ ही इसमें ड्राइवर्स भी होते है।ये ड्राइवर्स ही राऊटर को बताते है कि कौन से पोर्ट में कौन स नेटवर्क का वायर लगा हुआ है।
Types of Routers(राऊटर के प्रकार)
आपको market में अलग अलग तरह के Router देखने को मिल जाएंगे. इस्तमाल के मुताबिक उन्हें अलग अलग किया गया है. चलिए विस्तार से इनके बारे में जानते है।
Broadband Routers
Broadband Router कई प्रकार के काम कर सकते हैं। इनका इस्तमाल Computers को आपस में जोड़ने के लिए और Internet से जोड़ने के लिए किया जाता है।
आगर Voice Over IP Technology के द्वारा आप अपने फ़ोन को Internet से जोड़ना चाहते हैं।तो आप समझ जाना वहां इस VOIP connection के लिए आपको Broadband Router की उपयोग किया गया है।यह एक Special Type के Modem होते हैं जिनमे Ethernet और फ़ोन Jacks भी होते हैं।
Wireless Router
Wireless Router आजकल हर कोई इनके बारे में जानता है।घर, Office, College में इनका इस्तमाल ज्यादा होता है. क्या पता आप अभी इस Wireless Router से ही आप Internet Access कर रहें हो सायद. यह wireless Router wireless signal का area बनाता है और इस खेत्र में जितने भी Computers, Tablet, Mobile फ़ोन हैं वो सभी Internet का इस्तमाल कर सकते है।
security को ध्यान में रखते हुए इनमे Password System रहता है. सुरक्षा के लिए Password और IP Address का इस्तमाल किया जाता है।आप देखे ही होंगे जब आप WiFi का इस्तमाल करते हैं. तब आप एक WiFi से connect करने से पहले आपको password डालने की आवश्यकता होती है।यही इसका Security Feature है।
कुछ अन्य प्रकार के Routers
Edge Router
इस प्रकार के Router को ISP (Internet Service Provider) के किनारे रखा जाता है. बाहरी Protocols जैसे BGP (Boarder Gateway Protocol) को दुसरे ISP के BGP के साथ Configure करते हैं।
Suscriber Edge Router
Subscriber Edge Router end user (Enterprise) Organization के अंतर्गत आते हैं. इसे EXTERNAL BGP को प्रदाता के AS के रूप में प्रसारित करने के लिए Configure किया गया है।
Inter Provider Border Router
इस तरह के Routers को ISPs को अपसा में जोड़ने के लिया जाता है. जैसे Airtel को Reliance के साथ और Vodafone को Jio के साथ. यह BGP SESSION को Maintain करता है।
Core Router
LAN Network के Backbone की तरह जो Router काम करता है, उसे Core Router कहते हैं. यह अलग अलग Distributed Routers को आपस में जोड़ने के लिए है. मतलब अगर एक Company है जिसके बहुत सारे Routers होंगे जो अलग अलग Location में होंगे. इन सभी Routers आपस में जोड़ने के लिए Core Router का इस्तमाल किया जाता है. इसका नाम भी इसी वजह से Core है।
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